- टीडीएस और टीसीएस में मार्च 2021 तक 25 फीसद की कटौती
- सरकार के इस फैसले से 50 हजार करोड़ रुपए नौकरीपेशा लोगों के हाथ में होंगे
- कोविड 19 संकट के मद्देनजर भारत सरकार का बड़ा फैसला
नई दिल्ली। पीएम मोदी के देश के संबोधन के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से कुछ बड़े ऐलान किए गए जिसमें एमएसएमई, टैक्स पेयर, रियल एस्टेट और बिजली कंपनियों के बारे में खास ऐलान किये गए। उन्होंने प्राइवेट नौकरियों में जिनका टीडीएस और टीसीएस कटता है उन्हें बड़ी राहत दी। कोविड 19 संकट को देखते हुए अब मार्च 2021 तक टीडीएस और टीसीएस में 25 फीसद की कटौती की गई है।
ताकि नौकरीपेशा भी कर सकें अधिक खर्च
कोविड 19 की वजह से जिस तरह से प्राइवेट या सरकारी क्षेत्रों में सैलरी में कटौती की गई है उसकी वजह से नौकरीपेशा लोगों के पास खर्च करने के लिए अतिरिक्त रकम नहीं बच पा रही थी और उसका असर डिमांड-सप्लाई चेन में गैप के रूप में देखा जा रहा था। लेकिन वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार के इस फैसले से बाजार में 50 हजार करोड़ की तरलता रहेगी जिसकी वजह से डिमांड-सप्लाई चेन के बीच की खामी को दूर करने में मदद मिलेगी।
टैक्स पेयर्स को राहत
- टीडीएस और टीसीएस में मार्च 2021 तक 25 फीसद की राहत, 50 हजार करोड़ का होगा फायदा
- विवाद से विश्वास स्कीन 31 दिसंबर तक बढ़ी
- ऑडिट की तारीख 31 अक्टूबर तक बढ़ी
- ट्रस्ट और एलएलपी को आयकर रिफंड में तुरंत राहत
- आयकर रिटर्न की तारीख 30 नवंबर हुई।
जानकार की राय
अब यह जानने की जरूरत है कि इस विषय पर जानकारों का क्या कहना है। टैक्स मामले से जुड़े लोग कहते हैं कि निश्चित तौर पर इससे नौकरीपेशा लोगों के पास खर्च करने के लिए रकम होगी। लेकिन इसका एक असर होगा कि सरकार के पास राजस्व की कमी होगी तो उसकी भरपाई कहां से करेंगे। हालांकि संकट के इस दौर में इस तरह के कदमों का उठाया जाना जरूरी है क्योंकि जब तक बाजार में तरलता नहीं होगी या डिमांड नहीं होगी तो ऐसे लोग जो पूर्ण रूप से परोक्ष तौर पर नौकरी पेशा लोगों पर निर्भर होते हैं उनके लिए आगे की राह कठिन हो जाएगी।