- महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को लेकर कई फर्जी खबरें वायरल हो रही हैं।
- महंगाई भत्ता आम तौर पर साल में दो बार बढ़ता है।
- जुलाई में महंगाई भत्ता 17 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी कर दिया गया था।
Dearness Allowance hike for central govt employees: भारत में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के बढ़ते खतरे के बीच जालसाज और स्कैमर्स फर्जी खबरें और गलत सूचनाएं फैला रहे हैं। इन दिनों कई फेक न्यूज सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक हालिया खबर में, सरकार ने एक फर्जी दावे को खारिज कर दिया है। फर्जी खबर में बताया जा रहा था कि कोविड -19 के कारण सरकार ने महंगाई भत्ता (DA), महंगाई राहत (DR) और जनवरी के महीने में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बकाया को रोक दिया है। सरकार ने इस फर्जी दावे को खारिज कर दिया है।
वायरल हो रहा फेक लेटर
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक लेटर में जालसाजों ने दावा किया कि, 'ओमिक्रोन (COVID-19, SARS-2) के बढ़ते मामलों को देखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को देय महंगाई भत्ता और सरकारी पेंशनभोगियों को देय महंगाई राहत को वर्तमान दरों पर रखा जाना चाहिए।'
सरकार ने क्या कहा?
भारतीय प्रेस ब्यूरो (PIB) ने स्पष्ट किया कि वित्त मंत्रालय द्वारा ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया था। सरकार ने आदेश की एक प्रति भी साझा की, जिस पर 'फेक' लिखा हुआ था।
क्या होगी डीए में बढ़ोतरी?
केंद्र सरकार अपने उन कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कर सकती है। रिपोर्ट्स की मानें तो सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत कर्मचारियों के डीए में 3 फीसदी की और बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है और सरकार ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। महंगाई भत्ते में आम तौर पर जनवरी और जुलाई में साल में दो बार वृद्धि की जाती है।
क्या है मौजूदा दर?
पिछले साल जुलाई में केंद्र ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) को 1 जुलाई से 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया था।