- 25 मार्च से बंद होने के बाद 25 मई से घरेलू यात्री उड़ानों को फिर से शुरू किया
- अगस्त से पहले अंतरराष्ट्रीय उड़ान भी फिर से शुरू की जाएंगी
- मिडिल सीटों को बुक करने को लेकर आपत्ति जताई गई थी
नई दिल्ली : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सोमवार को एयरलाइंस से कहा कि उड़ानों में सीट इस तरह से आवंटित किया जाए कि दो यात्रियों के बीच की सीटों को संभवत: खाली रखा जाए। हालांकि, अगर किसी यात्री को अधिक यात्री लोड के चलते बीच की सीट आवंटित की गई है तो उन्हें वस्त्र मंत्रालय के मानकों के अनुसार त्रि-स्तरित फेस मास्क के अतिरिक्त सुरक्षा उपकरण जैसे wrap-around gown अवश्य प्रदान किया जाना चाहिए ताकि चेहरा ढका रहे।
इस वजह से आया यह आदेश?
गौर हो कि एयर इंडिया के एक पायलट देवेन कनानी ने बंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि दो यात्रियों के बीच वाली सीट खाली रखने से जुड़ी शर्त का एयर इंडिया पालन नहीं कर रही है। उन्होंने कहा था कि विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने में एयरलाइन कोरोना वायरस से जुड़े सुरक्षा कदमों का पालन नहीं कर रही है। पायलट देवेन कनानी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि भारत सरकार ने 23 मार्च 2020 को एक सर्कुलर जारी कर ग्लोबल महामारी के चलते विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाते हुए कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कुछ शर्तें तय की थीं।
25 मई से घरेलू यात्री उड़ानों को फिर हुआ शुरू
भारत ने कोरोनो वायरस लॉकडाउन के कारण दो महीने के अंतराल के बाद 25 मई से अपनी घरेलू यात्री उड़ानों को फिर से शुरू किया। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अगस्त से पहले अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं फिर से शुरू की जाएंगी।
अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों 30 जून तक स्थगित
लॉकडाउन के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय के नए दिशा-निर्देश के बाद डीजीसीए ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कॉमर्शियल यात्री उड़ानों का परिचालन 30 जून की मध्य रात्रि तक स्थगित रहेगा। डीजीसीए ने एक सर्कुलर में कहा है कि एक बार फिर से दोहराया जा रहा कि विदेशी विमानन कंपनियों को भारत में आगमन-प्रस्थान के बारे में उचित समय पर अवगत कराया जाएगा। गृह मंत्रालय ने नए दिशा-निर्देश में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा स्थगित रहेगी। हालात का आकलन करने के बाद सेवा बहाल करने पर फैसला होगा।