- अमेजन के एक आंतरिक मेल में टिक टॉक ऐप डिलीट करने के लिए कहा गया
- कुछ घंटे बाद कंपनी ने कहा कि टिक टॉक को लेकर उसकी नीतियों में बदलाव नहीं हुआ
- भारत ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर चीन के 59 ऐप पर प्रतिबंध लगाए हैं
सिएटल : दुनिया की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने कहा है कि अपने कर्मचारियों से टिकटॉक एप डिलीट करने का निर्देश देने वाला उसका आंतरिक मेल 'गलती' से जारी हो गया है। कंपनी ने कहा कि टिक टॉक को लेकर उसकी नीतियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दरअसल, अमेजन की ओर से जारी एक आंतरिक मेल में अपने कर्मचारियों से टिक टॉक ऐप डिलीन करने के लिए कहा गया। इस मेल के करीब पांच घंटे बाद कंपनी अपने इस आतंरिक मेल का खंडन करती नजर आई है।
अमेजन ने भेजा अपने कर्मचारियों को मेल
अमेजन ने पत्रकारों को भेजे गए अपने एक बयान में कहा, 'आज सुबह एक ई-मेल हमारे कुछ कर्मचारियों के पास गया। यह मेल त्रुटि वश गया है। टिक टॉक को लेकर हमारी नीतियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।' कंपनी के प्रवक्ता जैकी एंडरसन ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। अमेजन का यह आंतरिक ई-मेल दुनिया भर में उसके कर्मचारियों के पास गया है। इस मेल में उनसे टिक टॉक ऐप डिलीट करने के लिए कहा गया है। यह वीडियो ऐप खासकर युवाओं में काफी लोकप्रिय है। कंपनी ने ऐप को डिलीट करने के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है।
दुनिया भर में हैं अमेजन के कर्मचारी
कंपनी ने एक कर्मचारी ने टिक टॉक के बारे में मेल मिलने की बात स्वीकार की है लेकिन इस बारे में कुछ बोलने से इंकार कर दिया। बता दें कि अमेरिका में वालमार्ट के बाद अमेजन निजी क्षेत्र का सबसे बड़ी नियोक्ता कंपनी है। इसके दुनिया भर में 8,40,000 कर्मचारी बताए जाते हैं। अमेरिकी सेना ने इस ऐप पर बैन लगाया है और अब पूरे देश में इस पर बैन लगाने की चर्चा ने जोर पकड़ी है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो सहित कई रिपब्लिकन नेता चीन की इस कंपनी पर बैन लगाने के पक्ष में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा है कि उनके सामने यह मामला आएगा तो वह इसे जरूर देखेंगे।
भारत ने भी लगया है बैन
भारत ने चीन के 59 ऐप पर प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें टिक टॉक, यूसी ब्राउजर सहित कई कॉमर्शियल एवं वीडियो ऐप शामिल हैं। लद्दाख और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बने तनाव के बाद भारत सरकार ने चीन के इन ऐप पर बैन लगाने का फैसला किया। अपने इस कदम के पीछे भारत ने सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है। टिक टॉप ऐप पर बैन लगने से उसे आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचेगा।