- सहकारी बैंक एकमात्र बैंक हैं जो समाज के निचले तबके को उधार देते हैं: अमित शाह।
- देश के हर शहर में कम से कम एक अर्बन को- ऑपरेटिव बैंक स्थापित करने की जरूरत है।
- NAFCUS को देश में UCB के संतुलित विकास पर ध्यान देने का निर्देश दिया गया है।
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने 23 जूल 2022 को अर्बन को- ऑपरेटिव बैंकों (Urban Cooperative Banks) को प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए सुझाव दिया। अमित शाह ने कहा कि शहरी सहकारी बैंकों को संतुलित विकास की ओर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि संरचनातमक सुधारों को आगे बढ़ाने और मॉडर्न बैंकिंग मेथड अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों को लागू करके शहरी सहकारी बैंकों (UCB) को खुद को और ज्यादा प्रासंगिक बनाना चाहिए।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए राष्ट्रीयकृत और प्राइवेट बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए संरचनात्मक बदलाव, कम्प्यूटरीकृत अकाउंटिंग प्रोसेस और सरप्लस फंड के प्रबंधन के लिए अन्य सुधारों का जिक्र किया।
देश के आर्थिक विकास में योगदान दे रहे हैं सहकारी बैंक
आगे उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से ही देश में सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशी विकास संभव है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सहकारिता मंत्रालय बनाकर इसे और अधिक बल देने का काम किया है। उन्होंने कहा, 'जो लोग कहते हैं कि सहकारी बैंक अप्रासंगिक हो गए हैं, मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि आज देश में अनेक सहकारी बैंक ऐसे हैं जो 100 साल पुराने हैं। इनका 100 साल पूरे करना ही दर्शाता है कि अभी भी यह उतने ही सक्षम व प्रासंगिक हैं और देश के आर्थिक विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं।'
सहकारी बैंक समाज के छोटे से छोटे तबके के लोगों को आसानी से लोन देकर उन्हें देश के आर्थिक तंत्र से जोड़ने का काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी सहकारी बैंकों को सुदृढ़ और सशक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब कोई भी सहकारिता सेक्टर के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार नहीं कर सकेगा और आपको समान अवसर मिलेंगे। शहरी सहकारी बैंकों के संतुलित विकास पर काम करने की जरूरत है।