- 2016 और 2021 की पिछली नीलामियों में 700 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए कोई खरीदार नहीं मिला था।
- दूरसंचार विभाग के मुताबिक,इस बार 700 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए भी बोलियां लगाई गई।
- दूरसंचार कंपनियां वित्त वर्ष 2022-23 में 5जी मोबाइल सेवा शुरू कर सकती हैं।
नई दिल्ली। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बुधवार को जानकारी दी कि पांचवीं पीढ़ी (5G) के स्पेक्ट्रम की नीलामी (5G Spectrum Auction) के दूसरे दिन 1.49 लाख करोड़ रुपये की बोलियां मिली हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नौवें दौर की बोली जारी है। नीलामी के पहले दिन यानी मंगलवार को सरकार को स्पेक्ट्रम बोली का चौथा दौर पूरा होने के बाद 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोलियां मिली थीं।
रेस में चार टेलीकॉम कंपनियां
नीलामी प्रक्रिया में टेलीकॉम कंपनियों रिलायंस जियो (Reliance Jio), भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन आइडिया (Vodafone Indea) के अलावा अडाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) ने भी शिरकत की।
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5G स्पेक्ट्रम के लिए पहली नीलामी
आज नीलामी के दूसरे दिन बोलियां लगाने का सिलसिला सुबह 10 बजे ही शुरू हो गया था। उल्लेखनीय है कि 5जी स्पेक्ट्रम की इस नीलामी में 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के कुल 72 गीगाहर्ट्ज के लिए बोलियां लगाई जा रही हैं। यह 5जी स्पेक्ट्रम के लिए पहली नीलामी है।
पहले सरकार को मिला था 1.09 लाख करोड़ का राजस्व
दूरसंचार मंत्री ने स्पेक्ट्रम नीलामी को पहले दिन मिली प्रतिक्रिया पर प्रसन्नता भी जताई थी। इस संदर्भ में उन्होंने कहा था कि यह उम्मीदों से भी ज्यादा है। इसके साल 2015 का रिकॉर्ड भी पीछे छोड़ देने की संभावना है, जब स्पेक्ट्रम बिक्री से सरकार को 1.09 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिला था।
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