- सीबीआई की पुख्ता दलीलों के आगे मेहुल चोकसी की दलील हुई थी नाकाम
- सीबीआई ने हलफनामे में कहा कि वो भारतीय नागरिक है और उसे कार्रवाई के बारे में भी जानकारी है
- बैंकों के साथ धोखाधड़ी के मामले में मेहुल चोकसी मास्टरमाइंड है।
हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी एंटीगुआ से डोमनिका कैसे पहुंचा इसे लेकर कई तरह के संदेह अब भी बरकरार है। मसलन उसे अगवा किया गया वो खुद अपनी गर्लफ्रेंड के जाल में फंस गया या क्यूबा जाने की कोशिश में वो खुद धरा गया। इन सभी तरह की शंकाओं के बीच वो डोमनिका की जेल में है क्योंकि डोमनिका की हाईकोर्ट ने चोकसी के वकीलों की दलीलों को मानने से इनकार कर दिया था। इन सबके बीच Times Now के हाथ सीबीआई की हलफनामा की कॉपी लगी है जिसमें कुछ महत्वपूर्ण दलीलें पेश की गई हैं। यहां पर हम उन दलीलों के बारे में बताएंगे जिसके आधार पर मेहुल चोकसी की रातें जेल में ही कटेंगी।
क्या मेहुल चोकसी को भारत लाया जा सकेगा
इस बीच सवाल यह है कि क्या मेहुल चोकसी को भारत लाया जा सकेगा। अगर बात चोकसी के सहयोगी नीरव मोदी की करें तो उसके भारत लाए जाने का रास्ता करीब करीब साफ है। मेहुल चोकसी तरह तरह दांवपेच मसलन भारतीय नागरिक ना होने का हवाला दिया है लेकिन भारतीय एजेंसिंयों मे तथ्यों के जरिए उसके दलीलों को खारिज किया जिसके आधार पर डोमनिका की अदालत ने माना पहली नजर में चोकसी पाक साफ नहीं है।
डोमनिकन हाईकोर्ट में सीबीआई का हलफनामा
- चोकसी ने भारतीय बैंक षड़यंत्र किया
- सीबीआई की तरफ से चोकसी को गिरफ्तार करने की कोशिश की गई
- चोसी को अपने खिलाफ भारत नें चलने वाली कार्रवाई के बारे में पता है।
- चोकसी ने भारतीय एजेंसियों से कभी सहयोग नहीं किया
- चोकसी की भारतीय नागरिकता बरकरार है
- चोकसी ने डोमनिका हाईकोर्ट में दस्तावेजों को लेकर गलत जानकारी दी।
क्या है खास राय
जानकार कहते हैं कि मेहुल चोकसी को डोमनिकन हाईकोर्ट ने जमानत ना मिलना भी है जांच एजेंसी सीबीआई के लिए बड़ी खबर है। जिस तरह से सीबीआई की तरफ से हलफनामा दिया गया था उसी का नतीजा है कि अदालत में घोटालेबाज चोकसी को जमानत देने से इनकार कर दिया। अब इस फैसले के बाद भारतीय जांच एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की कोशिश को और तेज कर सकेंगी।