नई दिल्ली : केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि मोदी काल में पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि सबसे कम 30% हुई है ना कि 80% हुई, मूल वेतन में दशकों से वृद्धि हुई है। इसके साथ ही सरकार विभिन्न कैटेगरी के तहत लोगों को मुफ्त स्कीम दे रही है। मेरी समझ यह है कि केंद्र पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने में प्रसन्न होगा तथ्य यह है कि राज्य इसके लिए तैयार नहीं हैं। वे पेट्रोल-डीजल और शराब के राजस्व से हत्या करते हैं। जब कर्ज बढ़ जाता है तो वे दूसरों को दोष देते हैं। उदाहरण के तौर पर पंजाब है। बीजेपी शासित राज्य गैर बीजेपी शासित राज्यों से आधा वैट वसूल रहे हैं। बीजेपी और गैर-बीजेपी राज्यों के बीच पेट्रोल की खुदरा कीमतों में 15 से 20 रुपए का अंतर है।
उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोल डीजल पर टैक्स से केंद्र सरकार ने 26 लाख करोड़ रुपए एकत्र किए जबकि उन्होंने 16 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए थे। उन्होंने इसके साथ क्या किया है। युवा आकांक्षी नेता ने वैक्सीन को लेकर मोदीजी पर आरोप लगाए। उन्होंने 2010 में घरेलू टीकों की निर्माण क्षमता को ध्वस्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि पीएम लगातार रहे हैं, उन्होंने आजीविका के मुद्दे से संबंधित सहकारी संघवाद की सर्वोत्तम भावना की वकालत की है। बोझ बंटवारा समान नहीं होना चाहिए, केंद्र ने ईंधन क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी संभाली है। राज्यों को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम अभी भी महामारी से उबर नहीं पाए हैं, अभी भी 80 करोड़ लोगों को खाना खिला रहे हैं और टीकों की देखभाल कर रहे हैं। यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई हुई थी। तेल की कीमतें 19.56 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 130 डॉलर हो गईं। पेट्रोल-डीजल पर केंद्र ने 32 रुपये का एक्साइज वसूला। दिवाली से पहले हमने दाम घटाए।
हम ईरान जैसे खाड़ी देशों के करीब स्थित हैं जहां बहुत सारा तेल है। रूस के साथ हमारे ऊर्जा संबंध हैं, हम उनसे कच्चा तेल खरीदते हैं लेकिन हमारा कुल आयात 0.2% से अधिक नहीं है, अगर शर्तें सही हैं तो हम खरीदने के लिए तैयार हैं, हमें अपने हितों की देखभाल करनी होगी।