- फिलहाल देश में क्रिप्टोकरेंसी पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
- बजट सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक लाने की उम्मीद की जा रही है।
- भारत में करीब 10.07 करोड़ क्रिप्टो निवेशक हैं।
Budget 2022: भारत में पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का क्रेज काफी बढ़ा है। सरकार आगामी आम बजट (Budget 2022-23) में क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग को टैक्स के दायरे में ला सकती है। मौजूदा समय में भारत में विश्व स्तर पर क्रिप्टो मालिकों की संख्या सबसे अधिक यानी लगभग 10.07 करोड़ है। एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2030 तक भारतीय निवेशकों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बढ़कर 24.1 करोड़ डॉलर हो सकता है। बजट में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई घोषणाएं संभव हैं। आइए इसके बारे में जानते हैं।
बजट सत्र में पेश हो सकता है विधेयक
इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' (The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) सूचीबद्ध किया गया था। लेकिन इसे पेश नहीं किया गया।
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क्रिप्टोकरेंसी पर लग सकता है TDS/TCS
नांगिया एंडरसन एलएलपी के कर प्रमुख अरविंद श्रीवत्सन ने कहा कि सरकार आगामी बजट में एक निश्चित लिमिट से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर टैक्स डिडक्शन ऐट सोर्स (TDS) या टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) लगाने पर ऐलान हो सकता है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसीकी खरीद और बिक्री को विशेष लेनदेन के दायरे में लाया जाना चाहिए। इससे आयकर अधिकारियों को इनकी जानकारी मिल सकेगी।
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लग सकता है उच्च टैक्स रेट
इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री से होने वाली आय पर लॉटरी, गेम शो, पहेली की तरह ही 30 फीसदी की उच्च कर दर से कर लिया जाना चाहिए। अगर सरकार ने बजट में भारतीयों के लिए क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार को प्रतिबंधित नहीं किया, तो सरकार क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक प्रतिगामी कर व्यवस्था ला सकती है।
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SFT के दायरे में लाने की उम्मीद
इसके अलावा नांगिया एंडरसन एलएलपी के कर प्रमुख ने पीटीआई से कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की लेनदेन को वित्तीय लेनदेन विवरण यानी स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन (SFT) के दायरे में लाया जाना चाहिए। इस तरह से इनकी निगरानी की जा सकती है।