- वित्त मंत्री ने टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न में बदलाव की सुविधा दी है।
- टैक्सपेयर्स की ओर से इनकम डिटेल में कोई जानकारी छूट गई है तो उसमें दो साल तक सुधार कर सकता है।
- इस बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को यूनियन बजट 2022-23 को संसद में पेश किया। इस दौरान उन्होंने कई घोषणाएं कीं। वित्त मंत्री ने टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न में बदलाव की सुविधा दी है। आप भरे गए पुराने आईटीआर को दो साल के भीतर कभी भी अपग्रेड कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे टैक्सपेयर्स को अपने आईटीआर में किसी भी तरह की भूलचूक को ठीक करने में मदद मिलेगी। हालांकि इस बार के बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है और न ही टैक्स दरों में बदलाव किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में अगर इनकम टैक्स विभाग को पता चलता है कि टैक्सपेयर्स की ओर से इनकम डिटेल में कोई जानकारी छूट गई है, उसे एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इस तरह टैक्सपेयर्स को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी लेकिन नए प्रस्ताव से टैक्सपेयर्स में भरोसा जगेगा और राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह स्वैच्छिक टैक्स अनुपालन की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
बजट में कहा गया है कि जो व्यक्ति विकलांग है उसे टैक्स में राहत दी जाएगी। दिव्यांगता का सामना कर रहे व्यक्ति के माता पिता या अन्य कोई अभिभावक ऐसे लोगों के लिए स्कीम ले सकते हैं। माता पिता या अभिभावक अपने विकलांग बच्चों के लिए बीमा स्कीम ले सकते हैं और विकलांग आश्रित के लिए वार्षिकी या एकमुश्त भुगतान पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा और इस पर आजीवन छूट दी जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा लाभों को बढ़ाने और उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाने के लिए, सरकार ने ऐसे कर्मचारियों के एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान पर कर कटौती की सीमा को 10% से बढ़ाकर 14% करने का प्रस्ताव किया है।
इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने इसके अलावा सहकारी समितियों के लिए न्यूनतम वैकल्पिक टैक्स (मैट) को घटाकर कॉरपोरेट टैक्स के बराबर यानी 15% करने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने बताया कि 2021-22 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.9% और 2022-23 में 6.4% रहने का अनुमान है।