- सरकार हाई स्पीड रेल नेटवर्क पर काम कर रही है।
- दिल्ली से वाराणसी कॉरिडोर के बीच में 12 स्टेशन होंगे।
- परियोजना की कुल कीमत 2.28 लाख करोड़ रुपये हो सकती है।
Bullet Train: भारत सरकार हाई स्पीड रेल नेटवर्क पर काम कर रही है। हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट से जुड़ी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DTR) के मुताबिक, दिल्ली-वाराणसी (Delhi-Varanasi) हाई स्पीड रेल या बुलेट ट्रेन (Bullet Train) परियोजना 958 किलोमीटर लंबी होगी। इसमें लखनऊ को अयोध्या से जोड़ने वाली 123 किलोमीटर की दूरी भी शामिल है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अगर सब कुछ सरकार के प्लान (Government Plan) के मुताबिक होता है, तो साल 2029-30 तक इसमें दिल्ली से आगरा के बीच 300 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से बुलेट ट्रेन भी दौड़ेगी।
ये है सरकार का प्लान
दिल्ली से वाराणसी कॉरिडोर के बीच में 12 स्टेशन होंगे। कॉरिडोर सुरक्षा आवश्यकता को देखते हुए पूरे कॉरिडोर में एलिवेटेड स्ट्रेच और सुरंगें होंगी। यह मथुरा, अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी जैसी धार्मिक स्थानों को जोड़ेगा। इसके साथ ही जेवर हवाई अड्डे पर एक अंडरग्राउंड स्टेशन भी होगा। इस परियोजना की कुल कीमत 2.28 लाख करोड़ रुपये हो सकती है।
बुलेट ट्रेन के जरिए दिल्ली से इतने फेरे
National High Speed Rail Corporation Ltd (NHSRCL) द्वारा तैयार की गई डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार, यह बुलेट ट्रेन दिल्ली और आगरा के बीच एक दिन में 63 ट्रिप पूरी करेगी। दिल्ली और लखनऊ के बीच हर दिन 43 फेरे और दिल्ली और वाराणसी के बीच रोजाना 18 फेरे लगाएगी। Ayodhya के लिए हर दिन 11 ट्रिप की योजना है।
मौजूदा समय में दिल्ली से वाराणसी पहुंचने में करीब 11 से 12 घंटे लगते हैं। लेकिन बुलेट ट्रेन से यह समय 3 घंटे कम लगेगा। उत्तर प्रदेश के वाराणसी के लिए हाई स्पीड रेल कनेक्टिविटी अहम है क्योंकि मौजूदा शासन विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करके पूर्वांचल (Purvanchal) की प्रोफाइल को विकसित करने की योजना तैयार कर रहा है। यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार अयोध्या (Ayodhya) को विश्व पर्यटन (world tourism) मैप पर लाने के लिए प्रयास कर रही है।