दिल्ली में बिहार इन्वेस्टर्स समिट 2022 के मौके में 110 से ज्यादा कम्पनियों ने बिहार में निवेश करने की इच्छा जाहिर की। बिहार सरकार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन की बताया कि बीते एक साल में बिहार में फूड प्रोसेसिंग से लेकर टेक्सटाइल सेक्टर में करीब 30 हजार करोड़ का निवेश होने की संभावना हैं। दिल्ली में आयोजित इस समिट के बाद सरकार बिहार में निवेश को बढाने के लिए मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद में इसी तरह का इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद अंतिम समिट बिहार की राजधानी पटना में आयोजित होगा, जिसमें कंपनियों से एमओयू साइन किया जायेगा। सरकार की कोशिश हैं कि निवेश को बढ़ाने का प्रयास देश के साथ-साथ विदेश में भी की जाएगी जिससे बिहार की तस्वीर बदली जा सके।
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि निवेशक अपने निवेश की सुरक्षा चाहता है। और आज बदलते समय में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार उद्योग के लिए एक बेहतर विकल्प के तौर पर पेश हो रहा है न केवल इंडस्ट्री पॉलिसी बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी बिहार काफी बेहतर है शहनाज हुसैन ने देश के उद्योग पतियों से अपील की कि बिहार न केवल मजदूर सप्लाई करने का तेज है बल्कि निवेश के लिए भी एक अच्छा बेहतर विकल्प है हाल के कुछ सालों में सरकार के तरफ से टेक्सटाइल सेक्टर और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग जगहों पर फूडपार्क और टैक्सटाइल पार्क बनाए गए हैं।
बिहार में बंद पड़ी चीनी मिलों की करीब 25 सौ एकड़ जमीन को नए उद्योग स्थापित करने के लिए प्रयोग में लाए जाएंगे इसके अलावा राज्य सरकार के तरफ से इंडस्ट्री को सब्सिडी से लेकर तमाम तरह की सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार प्लग एंड प्ले स्टेशन विकसित कर रही है जहां निवेशक आकर सीधे काम शुरू कर सकेंगे। उन्हें भूमि अधिग्रहण करने और बिजली कमी जैसी स्थितियों से गुजरने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इससे निवेश में तेजी आएगी।
राज्य में पांच लाख लीटर एथेनॉल की क्षमता का एक प्लांट आरा में बनकर तैयार हो चुका है। इसके अलावा तीन प्लांट तैयार हो चुके हैं जबकि पांच अन्य पर काम जारी है। राज्य में 16 एथेनॉल कंपनियों को काम करने की अनुमति मिल चुकी है जो विभिन्न चरणों में हैं और जल्द ही काम करना शुरू कर देंगी। इससे राज्य के किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है और उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।