- पेट्रोल-डीजल, खाने के तेल-घी, मसाले, कपड़े, जूते की कीमतों और परिवहन खर्च पर सबसे ज्यादा असर हुआ है।
- महंगाई की मार सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को झेलनी पड़ रही है।
- पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश ,असम और राजस्थान में सबसे ज्यादा महंगाई
Inflation: कहां देश में मंदिर-मस्जिद को लेकर कोर्ट में सुनवाइयों का दौर है। हर पक्ष अपनी बात साबित करने में तुला हुआ है। ऐसे गरम माहौल में महंगाई के आंकड़ों ने पूरा मूड बिगाड़ दिया है। ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में महंगाई इस समय अपने शबाब पर है । अप्रैल में खुदरा महंगाई दर (Consumer Price Index) ने 8 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। और वह अप्रैल में 7.79 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है। महंगाई का यह आंकड़ा विशेषज्ञों की आशंका से ज्यादा रहा है। उनका अनुमान था कि अप्रैल में महंगाई दर 7.50 फीसदी के करीब रहेगी।
2014 का रिकॉर्ड टूटा
बुधवार को केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल के महीने में खुदरा महंगाई दर मार्च के 6.95 फीसदी से बढ़कर 7.79 फीसदी पर पहुंच गई है। जबकि पिछले साल अप्रैल 2021 में यह केवल 4.23 फीसदी थी। जाहिर है महंगाई के ताजा आंकड़े आरबीआई के सामान्य स्तर 6.0 फीसदी से कहीं ज्यादा है। और शायद यही वजह थी कि आरबीआई ने बिना जून की मौद्रिक नीति का इंतजार किए 4 मई को अचानक रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी। महंगाई के आंकड़े इसलिए भी डरावने हैं कि उसने 8 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इसके पहले मई 2014 में महंगाई दर 8 फीसदी के ऊपर रही थी। उस वक्त खुदरा महंगाई दर 8.28 फीसदी थी।
गांव में ज्यादा महंगाई
ताजा आंकड़ों के अनुसार महंगाई की मार सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को झेलनी पड़ रही है। अप्रैल 2022 में ग्रामीण इलाकों में महंगाई दर 8.38 फीसदी रही है। जबकि शहरी इलाकों में यह 7.09 फीसदी रही है। खास बात यह है कि अगर अप्रैल 2021 के आंकड़ों से तुलना की जाय तो महंगाई दर का ट्रेंड उल्टा दिखता है। यानी अप्रैल 2021 में शहरों में ज्यादा महंगाई थी और ग्रामीण इलाकों में कम महंगाई थी। उस अवधि में ग्रामीण इलाकों में महंगाई दर 3.75 फीसदी थी, जबकि शहरी इलाकों में यह 4.71 फीसदी थी। अप्रैल 2022 में ग्रामीण इलाकों में ज्यादा महंगाई की एक प्रमुख वजह ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट हो सकती है।
तेल-सब्जी-मसाले-ईंधन-कपड़े सबसे ज्यादा महंगे
अप्रैल में महंगाई के बूस्टर डोज में सबसे ज्यादा असर पेट्रोल-डीजल, खाने के तेल-घी, मसाले, कपड़े, जूते, परिवहन खर्च ने असर डाला है। जिसका असर ओवर ऑल महंगाई पर दिख रहा है। इसके लिए सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी ने भी घर का बजट बिगाड़ दिया है।
वस्तुएं | महंगाई दर (फीसदी) |
तेल-घी | 17.28 |
सब्जियां | 15.41 |
मसाले | 10.56 |
कपड़े और जूते | 9.58 |
ईंधन और बिजली | 10.80 |
परिवहन और कम्युनिकेशन (मोबाइल-इंटरनेट आदि) | 10.91 |
पर्सनल केयर | 8.62 |
किस राज्य में ज्यादा महंगाई
आंकड़ों के अनुसार महंगाई का सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश , तेलंगाना, असम और राजस्थान में दिखा है। जहां पर राष्ट्रीय औसत 7.79 फीसदी से ज्यादा महंगाई है। और अहम बात यह है कि ये सारे राज्य देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्यों में से एक है। ऐसे में एक बड़ी आबादी को महंगाई की सबसे ज्यादा मार झेलनी पड़ रही है।
राज्य | महंगाई दर (फीसदी) |
पश्चिम बंगाल | 9.12 |
मध्य प्रदेश | 9.10 |
तेलंगाना | 9.02 |
महाराष्ट्र | 8.78 |
असम | 8.54 |
उतर प्रदेश | 8.46 |
राजस्थान | 8.12 |
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पड़ोसी देशों में महंगाई
अगर पड़ोसी देशों की स्थिति देखी जाय तो सभी जगह पर महंगाई बढ़ी है। जहां तक श्रीलंका की बात है तो वह अपने सबसे बड़े आर्थिक संकट दौर से गुजर रहा है। जबकि पाकिस्तान में भी राजनीतिक अस्थिरता ने संकट बढ़ा दिया है।
देश | महंगाई दर (फीसदी) |
चीन | 2.1 |
पाकिस्तान | 13.37 |
श्रीलंका | 29.8 |
बांग्लादेश | 6.22 (मार्च) |
नेपाल | 7.14 (मार्च) |