Cooking oil/oilseed price today, 19 August 2020 : विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सोयाबीन, कच्चा पॉम तेल और बिनौला तेल कीमतों में सुधार दर्ज किया गया। इसके विपरीत आयात सस्ता पड़ने से सरसों, मूंगफली तेल-तिलहनों सहित अन्य तेलों के भाव पूर्वस्तर पर रहे। बाजार सूत्रों का कहना है कि भाव कुछ चढ़ने के बावजूद विदेशी से खाद्य तेलों का आयात घरेलू तेलों के मुकाबले अभी भी सस्ता पड़ रहा है। यही वजह है कि देशी तेलों में भाव सीमित दायरे में बने हुए हैं।
सूत्रों का कहना है कि जुलाई महीने में देश में खाद्य तेलों का रिकॉर्ड आयात हुआ है तथा अगस्त में इसमें और वृद्धि होने की भरपूर संभावना है। विदेशों में पामतेल का उत्पादन काफी अधिक मात्रा में होने की संभावना है। पॉम तेल के साथ विदेशों से सोयाबीन डीगम का भी भारी मात्रा में आयात किया जा रहा है।
सौराष्ट्र तेल संघ, सोपा और विभिन्न तेल उद्योग के विश्लेषकों ने सरकार से सस्ते तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है।
थोक तेल-तिलहन बाजार के बंद भाव बुधवार को इस प्रकार रहे- (भाव-रुपए प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन - 5,085- 5,135 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपए।
मूंगफली दाना - 4,565- 4,615 रुपए।
वनस्पति घी- 965 - 1,070 रुपए प्रति टिन।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 11,935 रुपए।
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,770- 1,830 रुपए प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 10,280 रुपए प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,580 - 1,720 रुपए प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,690 - 1,810 रुपए प्रति टिन।
तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपए।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,260 रुपए।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,100 रुपए।
सोयाबीन तेल डीगम- 8,220 रुपए।
सीपीओ एक्स-कांडला-7,550 से 7,600 रुपए।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 8,200 रुपए।
पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 9,000 रुपए।
पामोलीन कांडला- 8,200 रुपए (बिना जीएसटी के)।
सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,610- 3,635 लूज में 3,345--3,410 रुपए।
मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपए
सूत्रों का कहना है कि मलेशिया एक्सचेंज में एक प्रतिशत और शिकॉगो एक्सचेंज में 1.5 प्रतिशत की तेजी है। विदेशों में पाम तेल की अच्छी पैदावार है और अगस्त में आयात बढ़ने की संभावना है। वहीं देश के भीतर भी सोयाबीन और मूंगफली की बम्पर पैदावार है। ऐसे में सस्ते तेलों का आयात बढ़ने के बीच देशी तेल तिलहनों की खपत कहां होगी उत्पादक किसान और तेल उद्योग इस बात को लेकर चिंतित है।