जम्मू : कोविड-19 संकट के चलते शराब पर लगाए गए 50 प्रतिशत अतिरिक्त आबकारी शुल्क को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मंगलवार को वापस ले लिया। इसी के साथ वित्त वर्ष 2020-21 की बची अवधि के लिए केंद्र शासित प्रदेश में नयी आबकारी नीति भी लागू कर दी गयी। आबकारी आयुक्त राजेश कुमार शावन ने कहा कि नयी आबकारी नीति में लोगों की छह श्रेणियों के लिए पहली बार 12 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। इसमें पूर्व सैन्य अधिकारी, बेरोजगार युवा और कमजोर तबके के लोग शामिल हैं। इन्हें केंद्र शासित प्रदेश में विभिन्न पर्यटन स्थलों पर बार रेस्तरां इत्यादि खोलने में यह आरक्षण दिया जाएगा।
शावन ने संवाददाताओं से कहा कि शराब पर मई में लगाए गए 50 प्रतिशत के अतिरिक्त आबकारी शुल्क, जिसे आम लोग कोरोना कर के नाम से जानते हैं, उसे मंगलवार को नयी आबकारी नीति लागू होने के बाद से वापस ले लिया गया है। उन्होंने आबकारी नीति के कई पहलुओं को भी स्पष्ट किया। इसमें शराब के व्यापार में पारदर्शिता लाने पर जोर दिया गया है। साथ ही शुल्कों को युक्तिसंगत बनाकर राजस्व बढ़ाने पर भी ध्यान दिया गया है।
शावन ने कहा कि शराब के व्यवसाय को अक्सर अमीर लोगों से जोड़कर देखा जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने 70 साल के इतिहास में पहली बार छह श्रेणियों को आरक्षण देने का निर्णय किया है। इसमें विशेष रूप से सक्षम, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाती एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया गया है।
नयी नीति की अधिसूचना के मुताबिक भविष्य में शराब ठेकों के लिए होने वाले किसी भी तरह की नीलामी में 12 प्रतिशत इन श्रेणियों के लिए अलग से रखी जाएगी। वहीं बेरोजगार युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए नयी आबकारी नीति में लाइसेंस शुल्क पर विशेष छूट का प्रावधान किया गया है। यह छूट ऐसे युवाओं को दी जाएगी जो गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों पर बार या रेस्तरां खोलने की इच्छा रखते हैं।