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Moodys का अनुमान 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार में आएगी कमी

Updated Apr 28, 2020 | 21:37 IST

moody prediction on indian economic growth: मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस का मानना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से दुनिया के दूसरे समेत भारत भी प्रभावित होगा।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
अर्थव्यवस्था पर कोरोना का असर
मुख्य बातें
  • मूडीज ने वर्ष 2020 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को घटाकर 0.2 प्रतिशत कर दिया
  • वैश्विक अर्थव्यवस्था के बंद होने की आर्थिक लागत तेजी से बढ़ रही है
  • 2020 में चीन की वृद्धि दर एक प्रतिशत रह सकती है

नई दिल्ली: मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को पंचांग वर्ष 2020 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को घटाकर 0.2 प्रतिशत कर दिया, जबकि मार्च में उसने इसके 2.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई थी। मूडीज को उम्मीद है कि 2021 में भारत की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रह सकती है।मूडीज ने ‘ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2020-21 (अप्रैल 2020 में अद्यतन)’ में 2020 के दौरान जी20 देशों की वृद्धि दर के अनुमानों में 5.8 प्रतिशत की कमी की।

मूडीज ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था के बंद होने की आर्थिक लागत तेजी से बढ़ रही है।रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि जी20 देशों की वृद्धि दर में सामूहिक रूप से 5.8 प्रतिशत की कमी होगी। यहां तक कि सुधार के बाद भी ज्यादातर अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर कोरोना वायरस महामारी से पहले वाले स्तर के मुकाबले कम रहने का अनुमान है।

मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2020 में चीन की वृद्धि दर एक प्रतिशत रह सकती है। मूडीज ने कहा, ‘‘भारत ने देशव्यापी लॉकडाउन को 21 दिनों से बढ़ाकर 40 दिनों तक कर दिया, लेकिन अप्रैल के अंत में कृषि कार्यों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिबंधों में छूट दी है। देश ने यह सुनिश्चित किया कि उसके कई हिस्से वायरस से मुक्त रहें। भारत ने विभिन्न क्षेत्रों को खोलने के लिए चरणबद्ध योजना बनाई है।

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