कोरोना वायरस (कोविड-19) प्रकोप ने हमारे जीवन के लगभग प्रत्येक पहलू को प्रभावित किया है। इससे सिर्फ नियमित दैनिक गतिविधियों में ही रुकावट पैदा नहीं हुई है बल्कि विश्व की अर्थव्यवस्थाओं को भी झटका लगा है। विश्व की अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं में लॉकडाउन चल रहे होने के कारण, नौकरी छूटने और वेतन में कटौती होने का डर बढ़ता जा रहा है। आर्थिक मंदी के कारण अर्थशास्त्रियों का पूर्वानुमान है कि कोविड-19 के कारण व्यापारिक मंदी आ सकती है। व्यापारिक मंदी के कारण पर्सनल फाइनेंस बिगड़ जाएगा। वर्तमान परिस्थिति में, अपने फाइनेंस पर ध्यान देना, पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है। इस समय आपको कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए जो आपके फाइनेंस को मंदी की मार से बचा सके, और आपको किसी भी परेशानी का सामना करने की ताकत दे सके।
व्यापारिक मंदी के समय में महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधियों जैसे निर्माण और खर्च में कमी आने लगती है और बेरोजगारी बढ़ने लगती है। इसलिए, इस मंदी के दौरान भी बेरोजगारी बढ़ सकती है और फाइनेंसियल कमिटमेंट्स को पूरा करना मुश्किल हो सकता है। चूंकि आर्थिक परिदृश्य, बहुत भयानक दिखाई दे रही है, इसलिए आप अपने पैसे को मंदी की मार से बचाने के लिए यहाँ बताए गए कुछ स्मार्ट उपाय कर सकते हैं।
अपने इमरजेंसी फंड को और ज्यादा मजबूत बनाएं
नौकरी छूटने या वेतन में कटौती होने पर दैनिक और जरूरी खर्च को पूरा करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन एक इमरजेंसी फंड आपको ऐसी परेशानी से बाहर निकाल सकता है। यह बुरे समय के लिए बचाकर रखे गए पैसे के घड़े की तरह होता है। आपको 3 से 6 महीने का खर्च चलाने लायक एक इमरजेंसी फंड तैयार करके रखना चाहिए। इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं है, आप अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें जितना चाहे उतना ज्यादा पैसे रख सकते हैं। मौजूदा आर्थिक और आमदनी की अनिश्चितता से निपटने के लिए एक अधिक मजबूत इमरजेंसी फंड तैयार करके रखने की जरूरत है। इसका मतलब है कि आपको अब पहले से ज्यादा पैसे बचाने चाहिए। अपने कैश रिजर्व को बढ़ाने के तरीके ढूंढें ताकि आप अपनी आर्थिक चुनौतियों का डटकर सामना कर सके। आपको अपने इमरजेंसी फंड को किसी ऐसे इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करना चाहिए जहाँ तक आसानी से पहुंचा जा सके और जहाँ से आसानी से पैसे निकाले जा सके। इसके लिए बैंक डिपोजिट और लिक्विड म्यूच्यूअल फंड्स ठीक रहेगा।
अपने खर्च में कटौती करें
आमदनी और इन्वेस्टमेंट रिटर्न में कमी आने के कारण, कुछ समय तक कम खर्चीला जिंदगी जीने और अपने खर्च में कटौती करने की कोशिश करें। उदाहरण के लिए, आप एक बड़े घर से एक छोटे घर में शिफ्ट हो सकते हैं, कहीं आने-जाने के लिए अपनी कार की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं, बेकार की खरीदारी से बच सकते हैं, इत्यादि। आप अपने खर्चों की लिस्ट बनाकर उनकी प्राथमिकता के हिसाब से उन्हें अलग कर सकते हैं। आपको एक कम खर्चीला बजट बनाने की कोशिश करनी चाहिए। अपने इनकम का इस्तेमाल पहले सेविंग करने के लिए करें, उसके बाद बचे हुए पैसे को खर्च करने के बारे में सोचें।
अपने कर्ज पर विशेष ध्यान दें
जब अर्थव्यवस्था, मंदी में चली जाती है तो अक्सर लोगों की नौकरी छूटने या वेतन में कटौती होने लगती है। कोविड-19 प्रकोप और उसके परिणामस्वरूप लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा है। हाल ही में किए गए एक सर्वे के अनुसार, लाखों नौकरियों के जाने का खतरा है। ऐसी परिस्थिति में, अपने हाथ में ज्यादा से ज्यादा पैसे लाने की कोशिश करें ताकि आपके फाइनेंस पर कम से कम दबाव पड़े। इसकी तैयारी करने का एक तरीका है - अपने कर्ज से छुटकारा पाना - ख़ास तौर पर महंगे कर्ज से जिन पर ज्यादा इंटरेस्ट लगता हो। कर्ज चुकाने के बाद आपके पास खर्च के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे। यदि, किसी कारण से, आपको मौजूदा संकट के दौरान अपने कर्ज को चुकाने में परेशानी हो रही है तो अपने फाइनेंस को स्थिर करने के लिए RBI के आदेश पर मिलने वाले मोरेटोरियम का इस्तेमाल करें। पैसे की तंगी होने के बावजूद कोई और कर्ज लेने से बचें। ख़ास तौर पर क्रेडिट कार्ड वाले कर्ज से ज्यादा सावधान रहें जिस पर ज्यादा इंटरेस्ट लगता है और जिसका निपटान तुरंत कर देना चाहिए। यदि आपको लोन की जरूरत है तो सोना या संपत्ति जैसी चीजों के बदले मिलने वाले कम इंटरेस्ट वाले लोन लेने के बारे में सोचें।
अपने इन्वेस्टमेंट्स को मजबूत करें
कोविड-19 वैश्विक महामारी के शुरू होने के समय से ही दुनिया भर के शेयर बाजार में काफी अस्थिरता देखने को मिल रही है। शेयर बाजार के और गिरने के डर से इन्वेस्टर्स, परिणामों का मूल्यांकन किए बिना अपने-अपने इन्वेस्टमेंट्स को निकालने लगे हैं। मंदी के समय में, आपको सबसे पहले शांत रहना चाहिए और अपने इन्वेस्टमेंट प्लान के अनुसार काम करना चाहिए। हो सकता है कि आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो का वैल्यू इस संकट के कारण कम हो गया हो। लेकिन शेयर बाजार में इस गिरावट को, ज्यादा से ज्यादा एसेट्स संग्रह करने के अवसर के रूप में देखना चाहिए। लेकिन, कोई भी कदम उठाने से पहले अपनी फाइनेंसियल क्षमता और रिस्क उठाने की क्षमता का मूल्यांकन जरूर करें। आप मार्केट रिस्क को कम करने और अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए अपने इन्वेस्टमेंट्स को अलग-अलग एसेट क्लास में डाइवर्सिफाई भी कर सकते हैं। आप दोनों तरह का लाभ उठाने के लिए इक्विटी और डेब्ट दोनों तरह के फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं। इस समय, एक फाइनेंसियल एडवाइजर की मदद लेना ठीक रहेगा।
अपनी रिस्क उठाने की चाहत पर नजर डालें
कोरोना वायरस ने कई इन्वेस्टर्स की रिस्क उठाने की क्षमता को परखने की कोशिश की है। हो सकता है कि अब आपकी रिस्क उठाने की चाहत वैसी न हो जैसी इस संकट से पहले थी। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि इस संकट से पहले आप अपने इन्वेस्टमेंट पर 25% का नुकसान उठाने में सक्षम थे। लेकिन इस महामारी के कारण, हो सकता है कि आपकी आमदनी कम हो गई है और आपके इन्वेस्टमेंट का वैल्यू भी गिर गया हो। हो सकता है कि ऐसे समय में आपका फाइनेंसियल कंडीशन कम मजबूत हो। इसलिए, यह अपनी रिस्क उठाने की चाहत का मूल्यांकन करने का समय है क्योंकि इससे आपको अपनी कम रिस्क उठाने की चाहत के अनुसार अपने इन्वेस्टमेंट को उपयुक्त इंस्ट्रूमेंट्स में ट्रांसफर करके नुकसान से बचने में मदद मिलेगी।
कोविड-19 संकट एक अप्रत्याशित संकट है और इसने विश्व की अर्थव्यवस्थाओं और आम लोगों के सामने कई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। दुनिया भर की सरकारें और सेंट्रल बैंक, अपने नागरिकों को राहत दिलाने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। लेकिन, आपको भी मंदी की मार से सही-सलामत बाहर निकलने के लिए ऊपर बताए गए उपाय करने चाहिए। अंत में, यदि आपका समय और मौजूदा काम इजाजत दे तो आपको नौकरी के अवसरों को बेहतर बनाने के साथ-साथ एक नया कौशल सीखने की भी कोशिश करनी चाहिए।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) (ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)