- मंगलवार रात से दिल्ली में 600 ठेके स्थायी रूप से बंद होंगे।
- दिल्ली सरकार की नई नीति के तहत 850 नए निजी वेंडर परिचालन शुरू करने को तैयार हैं।
- करीब 350 दुकानों के पहले दिन से काम शुरू होने की संभावना है।
Delhi Liquor News: दिल्ली सरकार औपचारिक रूप से शराब कारोबार से दूर हो जाएगी, क्योंकि 17 नवंबर से शुरू होने वाली नई, निजी स्वामित्व वाली शानदार, नई दुकानों का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मंगलवार रात से उसके 600 ठेके स्थायी रूप से बंद हो जाएंगे। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत कम से कम 850 नए निजी वेंडर परिचालन शुरू करने के लिए तैयार हैं।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा, हालांकि, उनमें से केवल 300-350 दुकानों के पहले दिन से काम शुरू होने की संभावना है। धीरे-धीरे सभी शराब की दुकानें खुल जाएंगी। अधिकारी ने कहा, 'शराब की कीमतें शुरू में थोड़ी महंगी हो सकती हैं, लेकिन आगे सेटल कर दिये जाएंगे।'
32 क्षेत्रों में सभी आवेदकों को दिए गए लाइसेंस
इसके लिए 32 क्षेत्रों में सभी आवेदकों को लाइसेंस वितरित किए गए हैं। दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार, आबकारी विभाग ने सभी 32 क्षेत्रों के लिए कुल आरक्षित मूल्य लगभग 7,041 करोड़ रुपये रखा था और बोली के माध्यम से लगभग 8,917.59 करोड़ रुपये कमाए हैं।
जानें क्या है नई आबकारी नीति
यह पहली बार है कि राष्ट्रीय राजधानी में सभी सरकारी शराब की दुकानें बंद रहेंगी और कारोबार पूरी तरह से निजी हाथों सौंप दी जाएगी। जुलाई में शुरू की गई नई आबकारी नीति के अनुसार, लोग नई शराब की दुकानों पर शॉपिंग मॉल के समान अपनी पसंद का ब्रांड चुन सकेंगे। इस नीति का उद्देश्य मौजूदा शराब की दुकानों को कम से कम 500 वर्ग फुट क्षेत्र में फैले शराब की दुकानों के साथ वॉक-इन सुविधा के साथ उपभोक्ता अनुभव में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। सुपर-प्रीमियम खुदरा विक्रेता भी दुकान खोलेंगे।