नई दिल्ली : किसान आंदोलन के कारण दिल्ली में प्रवेश करने वाले कई मार्ग बंद होने के बावजूद शुक्रवार को फलों और सब्जियों की आवक में वृद्धि दर्ज की गई। देश की राजधानी में सब्जियों और फलों की आवक में सुधार होने से कीमतों में नरमी आई है, हालांकि आलू के थोक भाव में थोड़ी तेजी दर्ज की गई, जबकि प्याज के दाम में गिरावट आई है। गोभी, पालक, मटर समेत तमाम मौसमी हरी-शाक-सब्जियों के दाम घटे हैं जबकि भिंडी, तोरई, लौकी जैसी ऑफ-सीजन की सब्जियों की कीमतें बढ़ी हुई हैं। दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। शुरू में किसान आंदोलन के चलते फलों और सब्जियों की आवक घट गई थी, मगर अब सुधार देखा जा रहा है।
आजादपुर मंडी एपीएमसी की शुक्रवार की रिपोर्ट के अनुसार, मंडी में आलू की आवक 1,067.5 टन थी, जबकि एक दिन पहले मंडी में आलू की आवक 736.2 टन तक थी। इसी प्रकार प्याज की आवक 1,068 टन दर्ज की गई, जबकि एक दिन पहले 991.3 टन थी। टमाटर की आवक 491.6 टन रही जोकि एक दिन पहले 456.8 टन थी।
दिल्ली-एनसीआर में सब्जियों के खुदरा दाम (रुपए प्रति किलो)
आलू- 40, प्याज-50, गोभी- 20 से 30, लौकी-40, गाजर-40, मटर-50, तोरई-80, बैगन-30, टमाटर-40, पालक-30 से 40, बथुआ- 40 से 50, मूली-20, धनिया पत्ता-40, हरी मिर्च-60, करैला-60, शिमला-60, परवल-60, अरबी-40
फलों के खुदरा भाव (रुपए प्रति किलो)
अमरूद-50 से 60, पपीता-40, सेब-100 से 130, संतरा-40 से 50 और केला 60 रुपए दर्जन
आजादपुर मंडी के कारोबारी व पोटैटो एंड अनियन मर्चेट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने कहा कि फलों और सब्जियों की गाड़ियां उन मार्गो से आने लगी हैं जो खुले हुए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमाएं हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगी हुई हैं और इन सीमाओं पर कई मार्ग खुले हैं, इसलिए अब सब्जियों की आवक की समस्या नहीं है। उन्होंने बताया कि आलू का थोक भाव घटकर 20 से 27 रुपए प्रति किलो, जबकि प्याज का भाव 15 रुपए से 35 रुपए प्रति किलो है।
हालांकि आजादपुर मंडी एपीएमसी के रेट के अनुसार, आलू का थोक भाव 16 से 38 रुपए प्रति किलो दर्ज था, जोकि एक दिन पहले 16 से 36 रुपए प्रति किलो था। प्याज का भाव 10 से 32.50 रुपए किलो दर्ज किया गया। प्याज के दाम में करीब दो रुपए किलो की गिरावट रही। टमाटर का भाव आठ रुपए से 38 रुपए प्रति किलो था। गेट्रर नोएडा के सब्जी विक्रेता पप्पू कुमार ने बताया कि नये आलू का दाम घटने से खपत में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन के कारण आलू की आवक कम हो रही है, अन्यथा कीमतों में और गिरावट आ गई होती।