नयी दिल्ली: विमानन नियामक एजेंसी डीजीसीए (DGCA) ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा की योजना बना रहे यात्रियों को मंगलवार को सलाह दी कि उन्हें संबंधित एयरलाइन की वेबसाइट पर टिकट की कीमत (Air Fare) जांच लेनी चाहिए क्योंकि 'मेटासर्च इंजन' कभी-कभी सही भाड़ा नहीं बताते। भारत में गूगल और 'स्काईस्कैनर' जैसी कई मेटासर्च इंजन वेबसाइट काम करती हैं। नागर विमानन महानिदेशालय ने ट्विटर पर कहा कि जब यात्री प्रस्थान से गंतव्य तक की यात्रा के टिकट का दाम जानने का प्रयास कर रहे होते हैं तब मेटासर्च इंजन कभी-कभी कई एयरलाइन की सेवाओं को जोड़ कर भाड़ा बताते हैं जिससे हवाई किराया अधिक प्रतीत होता है।
पिछले शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर राज्यीय परिषद सचिवालय में सचिव संजीव गुप्ता ने ट्विटर पर शिकायत की थी कि 26 अगस्त के लिए दिल्ली से लंदन की उड़ान का ब्रिटिश एयरवेज में इकॉनमी क्लास का भाड़ा 3.95 लाख रुपये था।
नागर विमानन मंत्रालय ने रविवार को स्पष्टीकरण दिया था कि अगस्त के दौरान दिल्ली से लंदन की उड़ान का इकॉनमी क्लास का भाड़ा 1.03 लाख से 1.47 लाख रुपये के बीच था।
गत वर्ष 25 मई से सभी घरेलू उड़ानों के किराए की सीमा तय कर दी गई है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की यात्रा में भाड़े की ऐसी कोई सीमा नहीं है। 'ईज माय ट्रिप डॉट कॉम' के सह संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी निशांत पिट्टी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि ऐसे बहुत सारे तीसरे पक्ष के मंच और यात्रा वेबसाइट हैं जो अधिक मांग और विश्वविद्यालयों में प्रवेश के सीजन का लाभ लेकर अंतरराष्ट्रीय हवाई भाड़े को बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'ग्राहकों को हमारे जैसे विश्वसनीय यात्रा वेबसाइट पर टिकट का दाम देखना चाहिए क्योंकि हम एयरलाइन के साथ सीधे सहयोग से यात्रियों को सबसे अच्छी कीमत बताते हैं।' उन्होंने कहा कि यात्रियों को तीसरे पक्ष के मंचों से सावधान रहना चाहिए जिनका एयरलाइन से संपर्क नहीं होता। उन्होंने कहा, 'यह मंच मांग के आधार पर कीमतें घटाते बढ़ाते रहते हैं और यह ग्राहकों के हित का ध्यान नहीं रखते।'