- विमानन नियामक डीजीसीए ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है।
- हवाई यात्रा के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है।
- अगर यात्री को अतिरिक्त फेस मास्क की आवश्यकता होती है, तो वह एयरलाइन से ले सकते हैं।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की चौथी लहर (Corona 4th Wave) की आशंका बढ़ गई है। भारत में 93 दिन के बाद एक दिन में कोविड-19 के पांच हजार से भी ज्यादा मामले सामने आए हैं। अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 4,31,90,282 हो गई है। ऐसे में बढ़ते कोविड संक्रमण को लेकर विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA) ने नए नियम लागू किए हैं।
माल्क नहीं पहनने पर लगेगा जुर्माना
विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA New Covid Norms) ने बुधवार को कहा कि अगर यात्री चेतावनी के बाद भी विमान के अंदर फेस मास्क पहनने से इनकार कर देते हैं तो एयरलाइंस को डिपार्चर से पहले यात्री को डी-बोर्ड करना होगा। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने एक सर्कुलर में कहा कि एयरपोर्ट संचालक स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की मदद ले सकते हैं और फेस मास्क नहीं पहनने वालों पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
नियमों का उल्लेघन करना पड़ेगा भारी
सर्कुलर ने 3 जून के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का पालन किया, जिसमें कहा गया था कि डीजीसीए को एयरपोर्ट और विमान में तैनात सभी कर्मचारियों के लिए अलग-अलग निर्देश जारी करने चाहिए। इसमें फ्लाइट अटेंडेंट, एयर होस्टेस, पायलट और अन्य शामिल हैं। अदालत ने कहा था कि नियमों का उल्लंघन करने वाले सभी व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए और लगातार चूक करने वालों को नो फ्लाई लिस्ट में रखा जाना चाहिए।
बुधवार को जारी सर्कुलर में DGCA ने कहा कि एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना होगा कि यात्री उड़ान में ठीक से मास्क पहनें। उन्हें सिर्फ असाधारण परिस्थितियों में ही मास्क हटाने की अनुमति दी जाए। डीजीसीए के नियम एयरलाइंस को यात्रियों को 'Unruly' घोषित किए जाने के बाद एक निश्चित अवधि के लिए प्रतिबंधित करने का अधिकार देते हैं।
इसमें कहा गया है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और एयरपोर्ट के एंट्री द्वार पर तैनात अन्य पुलिस कर्मियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी को भी बिना मास्क पहने परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाए।