- लॉकडाउन में लोग लोग ऑनलाइन बैंकिंग और ऑनलाइन लेनदेन में अधिक कर रहे हैं
- ऑनलाइन जालसाजी करने वाले भी पूरी तरह से सक्रिय हैं
- इसलिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों को ऑनलाइन बैंकिंग के बारे में कुछ सुझाव दिए हैं
कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया को तबाह कर दिया है। भारत में भी यह वायरस फैलता जा रहा है। इसे फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च को 21 दिनों के लिए देशव्यापी लॉकडाउन किया गया। 14 अप्रैल को इसकी अवधि बढ़ाकर तीन मई कर दिया गया है। लेकिन इस दौरान देश भर में कामकाज ठप हो गए। लोग अपने घरों में बंद हैं। लेकिन जरूरी काम के लिए अधिकतर लेनदेन ऑनलाइन हो रहा है। लोग ऑनलाइन बैंकिंग और ऑनलाइन लेनदेन में अधिक भरोसा दिखा रहे हैं। लेकिन इस मुश्किल घड़ी में ऑनलाइन ठगने वाले, जालसाजी करने वाले भी पूरी तरह से सक्रिय हैं। इसको देखते हुए देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों को ऑनलाइन बैंकिंग के बारे में कुछ सुझाव दिए हैं।
एसबीआई ने 'ए लेटर फॉर योर सेफ्टी' नामक पत्र के जरिए अपने ग्राहकों को 6 सुझाव दिए हैं और कहा है कि ऑनलाइन बैंकिंग में इन टिप्स का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इस संदर्भ में बैंक ने एक ट्वीट कर कहा है कि सतर्क रहकर सुरक्षित बैंकिंग की जा सकती है। बैंक ने कहा है कि धोखेबाजों से अपनी जानकारी को बचाने के लिए, हमारे ग्राहकों को इन छह प्रोटोकॉल पर ध्यान देना चाहिए।
ऑनलाइन बैंकिंग करने वाले अपने खाताधारकों को एसबीआई ने 6 सावधानियां बताईं, जो नीचे दी गई हैं-
- SBI के ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें जो EMI या DBT या प्रधानमंत्री केयर फंड या किसी अन्य केयर फंड के संबंध में OTP या बैंक डिटेल मांगता है। इससे पहले, इसी महीने SBI ने यूजर्स को EMI घोटाले के बारे में चेतावनी दी थी।
- फर्जी योजनाओं से सावधान रहें जो SMS, ई-मेल, फोन कॉल या विज्ञापनों के माध्यम से नकद पुरस्कार या नौकरी के अवसर प्रदान करने का दावा करते हैं।
- समय-समय पर बैंक से संबंधित सभी पासवर्ड बदलें।
- कृपया ध्यान रखें कि SBI या इसके प्रतिनिधि कभी भी अपने ग्राहकों को व्यक्तिगत जानकारी, पासवर्ड या OTP के लिए ईमेल/एसएमएस नहीं भेजते हैं और न ही कॉल करते हैं।
- हमेशा संपर्क नंबर और अन्य डिटेल के लिए केवल SBI की आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें। इंटरनेट सर्च रिजल्ट पर उपलब्ध किसी भी बैंक जानकारी पर भरोसा न करें।
- धोखेबाजों और जालसाजों के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को तुरंत रिपोर्ट करें और अपनी निकटतम SBI शाखा को इसकी सूचना दें।