- गौतम अडानी भारत के पांचवें सबसे बड़े अमी शख्स, दुनिया में 155 वां स्थान
- 1998 में गौतम अडानी और शांतिलाल पटेल का हुआ था अपहरण, 20 साल बाद सभी आरोपी दोषमुक्त
- गौतम अडानी आमतौर पर इस घटना का जिक्र करने से बचते रहे हैं।
नई दिल्ली। गौतम अडानी को कौन नहीं जानता है। वो भारत के पांचवें सबसे बड़े अमीर शख्स हैं। अर्श तक पहुंचने की उनकी कहानी न केवल दिलचस्प है बल्कि उनके साथ 1998 में एक ऐसा हादसा हुआ जिसके बारे में हर किसी की उत्सुकता रहती है। 1998 में उन्हें और शांतिलाल पटेल को कुछ बदमाशों ने बंदूक की नोक पर अपहरण कर लिया था। इस आपराधिक वारदात में 8 लोग शामिल थे जो अब दोषमुक्त हो चुके हैं। इस घटना के करीब 10 साल बाद जब वो मुंबई के ताज होटल में डिनर कर रहे थे उसी समय होटल पर आतंकी हमला हुआ हालांकि वो सुरक्षित निकलने में कामयाब रहे।
गौतम अडानी का क्यों हुआ था अपहरण
अब सवाल यह है कि गौतम अडानी का अपहरण क्यों किया गया। दरअसल अडानी हीरे के व्यापारी थे और कम समय में कामयाबी हासिल की। 1981 में वो अहमदाबाद आए और अपने चचेरे भाई द्वारा शुरू की गई पॉली वाइनिल क्लोराइड के व्यापार में हाथ बटाना शुरू किया। 1988 में उन्होंने अडानी एक्सपोर्ट के तहत अडानी कमोडिटीज ट्रेडिंग वेंचर को शुरु किया। गौतम अडानी का यह व्यापार तेजी से चल पड़ा और गुजरात के अखबारों में सुर्खियां बटोरने लगा। लेकिन इसके साथ ही उन्हें तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। व्यापारिक स्पर्धा में दुश्मनी बढ़ी। इसका फायदा उठाकर कुछ बदमाश प्रवृत्ति के लोगों को लगने लगा कि वो पैसों की उगाही कर सकते हैं और उनका अपहरण कर लिया गया।
कुछ ऐसी थी पुलिस की चार्जशीट
पुलिस ने जो चार्जशीट दायर की थी उसके मुताबिक 1 जनवरी 1998 को कर्णावती क्लब के पास गौतम अडानी और शांतिलाल पटेल का अपहरण किया गया और उन्हें मोहम्मदपुरा रोड की तरफ ले जाया गया। पुलिस के मुताबित स्कूटर सवार शख्स ने कार को जबरदस्ती रोकने की कोशिश की और उसके बाद कुछ लोग वैन में आए और दोनों का अपहरण कर लिया। रिहाई के लिए दोनों को किसी अज्ञात जगह पर ले जाया गया था।
गौतम अडानी जिक्र करने से बचते रहे हैं
सार्वजनिक तौर अडानी इस वारदात का जिक्र करने से बचते रहे हैं। लंदन फाइनेंसियल टाइम्स ने जब उनसे इस घटना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनकी जिंदगी में दो या तीन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घटीं और अपहरण वाली वारदात उनमें से एक थी। ऐसा कहा जाता है कि उन्हें अंडरवर्ल्ड से जुड़े फजलुर रहमान ऊर्फ फजलू रहमान ने निशाना बनाया था। करीब 20 साल बाद 2018 में अहमदाबाद की एक अदालत ने दो मुख्य अभियुक्तों को बरी कर दिया।