- 82 दिनों तक पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया था
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के कारण तेल कीमतों की दैनिक समीक्षा रोक दी गई थी
- अब 8 दिन से लगातार पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि हो रही है
नई दिल्ली: तेल कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल के दाम 62 पैसे लीटर और डीजल के मूल्य में 64 पैसे लीटर की बढ़ोतरी की। यह लगातार आठवां दिन है जब तेल कंपनियों ने लागत के हिसाब से दोनों ईंधन के मूल्य समायोजित किए हैं। इससे पहले 82 दिनों तक पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किए गए थे। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की कीमत अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल का मूल्य 75.16 रुपए से बढ़कर बढ़कर 75.78 रुपए लीटर जबकि डीजल के दाम 73.39 रुपए से बढ़कर 74.03 रुपए पहुंच गए हैं। कीमत में यह बढ़ोतरी देशभर में की गई हैं लेकिन प्रत्येक राज्य में वैट (मूल्य वर्धित कर) अथवा स्थानीय बिक्री कर के आधार पर इनके दामों में अंतर हो सकते हैं।
8 दिन से लगातार बढ़ोतरी
तेल कंपनियां जून 2017 के बाद से दैनिक आधार पर कीमतों की समीक्षा कर रही हैं। तब से पेट्रोल के दाम में 62 पैसे और डीजल के मूल्य में 64 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी सर्वाधिक है। कंपनियों ने कीमतों की समीक्षा 82 दिनों तक स्थगित रखने के बाद सात जून से दाम में लागत के हिसाब से फेर-बदल शुरू किया था। उसके बाद से यह लगातार आठवां दिन है जब ईंधन के दाम बढ़े हैं। पिछले आठ दिनों में पेट्रोल के दामों में 4.52 रुपए प्रति लीटर और डीजल की दर में 4.64 रुपए लीटर की कुल वृद्धि हुई है। दैनिक कीमत समीक्षा शुरू होने के बाद से आठ दिनों में यह सर्वाधिक वृद्धि है।
सरकार को 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिला
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोरोना वायरस महामारी के कारण कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ उठाने और अतिरिक्त संसाधन जुटाने के इरादे से सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 3 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। उसके बाद तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने कीमतों की दैनिक समीक्षा रोक दी थी। उसके बाद सरकार ने फिर पांच मई को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिये। इस दो बार की वृद्धि से सरकार को 2 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त कर राजस्व प्राप्त हुए।
फिर शुरू हुई दैनिक मूल्य समीक्षा
तेल कंपनियों ने हालांकि, उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी का भार ग्राहकों पर नहीं डाला, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के साथ उसे समायोजित कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के कारण तेल कीमतों की दैनिक समीक्षा को रोक दिया गया था। अब जबकि बाजार में कुछ हद तक स्थिरता दिखने लगी है दैनिक मूल्य समीक्षा शुरू कर दी गई है।