- 1 अगस्त 2022 को दिल्ली में एटीएफ की कीमत 1.21 लाख रुपये प्रति किलो लीटर थी।
- यह पिछले महीने की तुलना में करीब 14 फीसदी कम है।
- एक एयरलाइन की परिचालन लागत में जेट ईंधन का करीब 40 फीसदी हिस्सा होता है।
नई दिल्ली। केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने कहा कि लगभग 27 महीने की अवधि के बाद, घरेलू हवाई किराए पर लगाई गई सीमाएं 31 अगस्त 2022 से हटा दी जाएंगी। उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने ट्विटर पर कहा कि, 'हवाई किराया सीमा (Air Fare Caps) को हटाने का निर्णय दैनिक मांग और एयर टर्बाइन ईंधन यानी एटीएफ (ATF price) की कीमत के विश्लेषण के बाद लिया गया है। स्थिति में स्थिरता आनी शुरू हो गई है और यह सेक्टर निकट भविष्य में घरेलू यातायात में वृद्धि के लिए तैयार है।'
2020 में लगाई गई थी हवाई किराए पर सीमा
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी (COVID-19 pandemic) की वजह से लगाए गए दो महीने के लॉकडाउन के बाद 25 मई 2020 को हवाई सर्विस को फिर से शुरू करने पर मंत्रालय ने उड़ान की अवधि के आधार पर घरेलू हवाई किराए पर निचली और ऊपरी सीमा लगा दी थी। उदाहरण के लिए, मौजूदा समय में एयरलाइंस किसी भी यात्री से 40 मिनट से कम की डोमेस्टिक फ्लाइट के लिए 2,900 रुपये (GST को छोड़कर) से कम और 8,800 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) से ज्यादा शुल्क नहीं ले सकती हैं।
क्यों लगाई गई थी सीमा?
दरअसल सरकार ने हवाई यात्रियों को उच्च किराए से बचाने के लिए निचली सीमा और आर्थिक रूप से कमजोर एयरलाइंस की रक्षा के लिए ऊपरी सीमा लगाई गई थी। हालांकि, एयरलाइंस और हवाई अड्डा संचालकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के दिशा- निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए और यात्रा के दौरान उनके द्वारा उपयुक्त व्यवहार को सख्ती से लागू किया जाए।
विस्तारा के सीईओ विनोद कन्नन ने 19 जून को कहा था कि अगर हवाई किराए की निचली और ऊपरी सीमा बढ़ा दी जाती है तो उन्हें खुशी होगी, लेकिन सबसे अच्छा समाधान यह होगा कि एयरलाइंस को हवाई किराए पर पूर्ण स्वतंत्रता हो।