नई दिल्ली : आम लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ कोरोना वायरस ने कोहराम मचा रखा है तो दूसरी ओर महंगाई तेजी से बढ़ रही है। थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर मार्च में 8 साल के उच्चतम स्तर 7.39% पर पहुंच गई। कच्चे तेल और धातु की बढ़ती कीमतों के कारण महंगाई बढ़ती जा रही है। पिछले साल कोविड-19 महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के चलते कीमतें कम थीं।
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित महंगाई दर फरवरी में 4.17 प्रतिशत और मार्च 2020 में 0.42 प्रतिशत थी। WPI महंगाई दर में लगातार तीसरे महीने बढ़ोतरी हुई है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि महंगाई दर की वार्षिक दर मार्च 2020 के मुकाबले मार्च 2021 में 7.39% (अनंतिम) थी।
WPI का इतना उच्च स्तर इससे पहले अक्टूबर 2012 में था, जब महंगाई दर 7.4% थी।
मार्च में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 3.24% रही और इस दौरान दालों, फलों तथा धान की कीमतों में कमी हुई।
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण मार्च में ईंधन और बिजली की महंगाई दर 10.25% रही, जो फरवरी में 0.58% थी।
इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में खुदरा महंगाई दर चार महीने के उच्च स्तर 5.52% पर पहुंच गई थी।