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नौकरी बदली है? EPF खाते से पैसा नहीं निकाला न ही ट्रांसफर किया, जानिए क्या होगा

Updated Apr 15, 2021 | 14:43 IST

कई लोग नौकरी बदलने के बाद ईपीएफ खाते को नए नियोक्ता को ट्रांसफर करना भूल जाते हैं। जानिए आपके पैसे का क्या होगा।

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ईपीएफओ

कई लोग एक नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी करने लगते हैं लेकिन अपने ईपीएफ खाते को नए नियोक्ता को ट्रांसफर करना भूल जाते हैं। बहुत से लोग मानते हैं कि उनका ईपीएफ बैलेंस 58 वर्ष की आयु तक टैक्स फ्री ब्याज अर्जित करना जारी रखेगा, इसलिए वे न तो अपने ईपीएफ खाते में पड़ी शेष राशि को ट्रांसफर करते हैं और न ही निकालते हैं। साथ ही, कई लोग अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए 58 साल की उम्र से पहले नौकरी छोड़ देते हैं। वे अक्सर जानना चाहते हैं कि उनके ईपीएफ खाते में जमा राशि का क्या होगा। क्या यह टैक्स फ्री ब्याज अर्जित करना जारी रखेगा?

यहां उल्लेख करने योग्य बात यह है कि आपका ईपीएफ खाता 58 साल की उम्र तक भी आपके रोजगार के बाद भी ब्याज अर्जित करना जारी रखेगा, भले ही कोई नया योगदान न हो। हालांकि, सेवानिवृत्ति की तिथि (58 वर्ष) या रोजगार के अंत तक संचित बैलेंस राशि पर टैक्स नहीं लगाया जाता है, पीएफ खाता पर ब्याज, रिटायरमेंट या रोजगार के अंत में अर्जित कोई भी ब्याज कानून के अनुसार टैक्स योग्य है।

गौर हो कि 58 वर्ष की आयु से पहले अपनी नौकरी छोड़ने पर अगर आप आवेदन करने के योग्य हो जाते हैं तो 36 महीने के भीतर निकासी के लिए आवेदन नहीं करने पर आपका ईपीएफ खाता निष्क्रिय हो जाएगा। कोई कर्मचारी अपनी नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद ईपीएफ में पड़ी पूरी राशि को वापस लेने के लिए पात्र हो जाता है, बशर्ते वह किसी अन्य नौकरी ज्वाइन न करें। एक बार जब आपका ईपीएफ खाता निष्क्रिय हो जाता है, तो आगे ब्याज नहीं मिलता है।

ईपीएफओ के नियमों के अनुसार एक ईपीएफ खाता चार स्थितियों में निष्क्रिय हो जाता है:-

  1. कोई कर्मचारी 55 साल के बाद सेवा से रिटायर हो जाता है
  2. अगर कोई सब्सक्राइबर स्थायी रूप से विदेश चले जाते हैं
  3. अगर किसी सब्सक्राइबर की मौत हो जाती है
  4. रोजगार समाप्त होने पर देय राशि के 36 माह के भीतर खाते के निपटान के लिए कोई दावा नहीं किया जाता है। दूसरे शब्दों में, अगर ग्राहक अपनी नौकरी छोड़ने के 36 महीनों के भीतर ईपीएफ निकासी के लिए आवेदन नहीं करता है तो खाता निष्क्रिय हो जाएगा। 

आयकर नियमों के अनुसार ईपीएफ बैलेंस पर जमा ब्याज, टैक्स योग्य हो जाता है, अगर इसे पांच साल की निरंतर सेवा के पूरा होने से पहले वापस ले लिया जाए। ऐसे मामलों में जहां कर्मचारी ईपीएफ सदस्यता के शुरुआती 5 वर्षों में एक से अधिक संगठनों के लिए काम करता है, तो सेवा को निरंतर माना जाएगा अगर पिछले संगठनों के ईपीएफ बैलेंस को वर्तमान संगठन में ट्रांसफर कर दिया जाए। इस स्थिति में, यह माना जाता है कि कर्मचारी ने कराधान प्रयोजनों के लिए 5 साल या उससे अधिक की अवधि के लिए निरंतर सेवा प्रदान की है। 

उपरोक्त तथ्यों को देखते हुए, नौकरी छोड़ने के तुरंत बाद अपने ईपीएफ खाते को नए नियोक्ता को ट्रांसफर करना उचित है। लेकिन अगर आप प्रारंभिक सेवानिवृत्ति (58 वर्ष की आयु से पहले) ले रहे हैं, तो अपनी नौकरी छोड़ने के 36 महीनों के भीतर अपना ईपीएफ बैलेंस वापस ले लें। 
 

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