- कथित धोखाधड़ी मामले में रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविन्दर सिंह गिरफ्तार
- शिविंदर सिंह के भाई मलविंदर सिंह को भी लुधियाना से गिरफ्तार किया गया है
- इन्हें रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड के कोष में 2,397 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी के लिये गिरफ्तार किया है
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने कथित धोखाधड़ी मामले में बृहस्पतिवार को फोर्टिस हेल्थकेयर (Fortis Health care) और रैनबैक्सी (Ranbaxy) के पूर्व प्रमोटर शिविन्दर सिंह (Shivinder Singh) और तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। शिवेन्दर का भाई मालविन्दर फरार हो गया था और उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था, वहीं कुछ समय के अंदर ही पुलिस ने जानकारी के आधार पर मालविंदर सिंह (Malvinder Singh) को भी लुधियाना से गिरफ्तार कर लिया है।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आम जनता के पैसे का अपनी कंपनियों में कथित निवेश करने के लिये कवि अरोड़ा, सुनील गोधवानी और अनिल सक्सेना को भी गिरफ्तार किया है। रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) ने एक शिकायत में आरोप लगाया है कि सिंह के कंपनी का निदेशक रहते हुए कर्ज लिया गया लेकिन कर्ज ली गई धनराशि का अन्य कंपनियों में निवेश कर दिया गया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'आरएफएल में प्रबंधन बदला, नए प्रबंधन ने जब कार्यभार संभाला तो उसने पाया कि एक बार कर्ज लिया गया और उस धनराशि का सिंह और उनके भाई से जुड़ी अन्य कंपनियों में निवेश कर दिया गया। प्रबंधन ने आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत की जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।'
इन्हें रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) के कोष में 2,397 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी के लिये गिरफ्तार किया है।आरएफएल आरईएल की सहयोगी कंपनी है। शिविन्दर और उसका भाई मालविन्दर इससे पहले आरईएल के प्रमोटर रह चुके हैं।
पुलिस शिविंदर सिंह और उनके भाई और अन्य लोगों के खिलाफ रेलिगेयर की एक शिकायत की जांच कर रही है, जिसमें फंड डाइवर्ट करने और गबन करने का आरोप लगाया गया है। इन सभी को ईओडब्ल्यू (EOW) कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था वहीं पर उनकी गिरफ्तारी हुई है।
पिछले साल दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में सिंह बंधुओं और अन्य अधिकारियों के खिलाफ रेलिगेयर ने एक आपराधिक शिकायत लॉज कराई गई थी। रेलिगेयर का आरोप है कि इन तीनों लोगों ने कंपनी से मिले फंड में हेराफेरी करते हुए उसे बिना जानकारी के डायवर्ट किया है।