- सस्ते तेलों का आयात बढ़ने से घरेलू तेल तिलहन उद्योगों पर भारी दबाव बना हुआ है
- दिल्ली तेल तिलहन बाजार में मूंगफली तेल, तिलहन, सोयाबीन कीमतों में गिरावट रही
- किसान अपनी फसल को औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं
Edible Oil Fresh Prices : सस्ते तेलों का आयात बढ़ने से घरेलू तेल तिलहन उद्योगों पर भारी दबाव बना हुआ है। दिल्ली तेल तिलहन बाजार में शुक्रवार को मूंगफली तेल एवं तिलहन तथा सोयाबीन तिलहन कीमतों में गिरावट रही। दूसरी ओर ‘ब्लेंडिंग’ के लिए सोयाबीन डीगम की मांग बढ़ने से सोयाबीन तेल तथा मंडी में कम फसल आवक से सरसों दाना (तिलहन) और सरसों तेल कीमतों में सुधार रहा। बाजार सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने देश के किसानों से दलहन की तर्ज पर तिलहन उत्पादन के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता कायम करने की अपील की। इससे स्थानीय मांग बढने पर सरसों तिलहन के साथ साथ सरसों तेल दादरी, पक्की और कच्ची घानी तेल कीमतों में भी सुधार हुआ।
सूत्रों ने कहा कि किसानों और सहकारी संस्था नाफेड के पास मूंगफली और सरसों का काफी मात्रा में स्टॉक बचा हुआ है। सस्ते तेलों का आयात बढ़ने की वजह से ये स्टॉक बाजार में खप नहीं पा रहा है। इसके अलावा अगले एक महीने बाद मूंगफली और सोयाबीन की बम्पर फसल भी आने वाली है। ऐसे में सस्ते आयात के सामने इन फसलों की खपत कहां होगी। इस चिंता को देखते हुए किसान अपनी फसल को लागत से लगभग 5-10 प्रतिशत नीचे, औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं।
शुक्रवार को खाद्य तेल तिहन बंद भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपए प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन - 4,665- 4,715 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपए।
मूंगफली दाना - 4,740 - 4,790 रुपए।
वनस्पति घी- 965 - 1,070 रुपए प्रति टिन।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 12,480 रुपए।
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,875 - 1,925 रुपए प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 9,700 रुपए प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,540 - 1,680 रुपए प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,640 - 1,760 रुपए प्रति टिन।
तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपए।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,050 रुपए।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 8,900 रुपए।
सोयाबीन तेल डीगम- 7,950 रुपए।
सीपीओ एक्स-कांडला- 7,050 रुपए।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 7,800 रुपए।
पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 8,530 रुपए।
पामोलीन कांडला- 7,820 रुपए (बिना जीएसटी के)।
सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,675- 3,700 लूज में 3,410--3,475 रुपए।
मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपए
सरकार को इस बात पर भी गौर करना चाहिए खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य को बाजार मूल्य के अनुरूप और स्थानीय किसानों के हित में तय करने के बजाय मनमाने ढंग से किस प्रकार तय किया जाता है। सरकार को इस पर गौर करना होगा कि आयातित तेलों के मुकाबले स्थानीय तेल कीमतें प्रतिस्पर्धा में ठहर सकें। इससे देश की बहुमूल्य विदेशीमुद्रा की बचत होगी। घरेलू तेल उद्योग इस समय मात्र 20% क्षमता का ही उपयोग कर पा रहा है। खाद्य तेलों के आयात ने उनका कामकाम सुस्त कर दिया है।