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Edible oil rate today, 3 August : सरसों, मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में गिरावट, सोयाबीन में सुधार, ताजा भाव

Updated Aug 03, 2020 | 22:59 IST

Edible oil rate today, 3 August 2020 : सस्ते आयातित तेलों की व्यावसायिक मांग बढ़ने के बावजूद आगामी पैदावार भी बम्पर होने की संभावना के कारण पाम एवं पामोलीन के भाव पूर्ववत रहे, जानिए आज का भाव। 

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
खाने वाले तेल तिलहन का भाव

Edible oil/oilseed price today, 3 August 2020 : सस्ते आयातित तेलों के आगे ऊंचे दाम पर मांग कम पड़ने से स्थानीय तेल तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों दाना और सरसों तेल के साथ साथ मूंगफली तेल तिलहन में गिरावट आई। ब्लेंडिंग के लिए सोयाबीन डीगम की मांग के कारण उसमें भी सुधार देखा गया। विदेशों में पर्याप्त स्टॉक तथा पामतेल के उत्पादन में आगे और वृद्धि होने की संभावना को देखते हुए पाम एवं पामोलीन तेल कीमतें पूर्ववत रहीं। 

बाजार सूत्रों ने कहा कि सरसों की आगामी फसल आने में आठ महीनों की देर है जबकि सोयाबीन, सूरजमुखी और मूंगफली की फसल अगले महीने से महाराष्ट्र , कर्नाटक और गुजीरत की मंडियों में आने लगेगी। वायदा बाजार में सोयाबीन की अक्टूबर और नवंबर डिलीवरी के भाव 3718 रुपए है जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य 3880 रुपए घोषित है जो पहली अक्टूबर से लागू होगा। इसी तरह सूरजमुखी और मूंगफली के भाव भी समर्थन मूल्य से नीचे है क्यों इनका भारी स्टॉक पड़ा हुआ बताया जा रहा है।

किसानों और नाफेड के पास सरसों और मूंगफली का काफी स्टॉक पड़ा है। इन तेलों के भाव सस्ते आयातित तेल के मुकाबले महंगे हैं। सहकारी संस्था नाफेड भी तिलहन उत्पादक किसानों के हित में और फसल आने में आठ महीने की देर को देखते हुए कम भाव पर मंडी में सरसों नहीं बेच रहे हैं। गुजरात में किसानों के पास मूंगफली तेल का स्टॉक बचा है और इस बार भी पैदावार अच्छी होने की संभावना है। मगर सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले सरसों और मूंगफली के भाव महंगे हैं। सस्ते तेल के आगे दाम महंगा होने के कारण मांग प्रभावित होने से सरसों और मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में गिरावट दर्ज हुई।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सस्ते आयातित तेलों की व्यावसायिक मांग बढ़ने के बावजूद विदेशों में पहले से जमा भारी स्टॉक और आगामी पैदावार भी बम्पर होने की संभावना के कारण पाम एवं पामोलीन के भाव पूर्ववत रहे। 

तेल-तिलहन के सोमवार को बंद भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपए प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 4,940- 5,010 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपए।
मूंगफली दाना - 4,630 - 4,680 रुपए।
वनस्पति घी- 965 - 1,070 रुपए प्रति टिन।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 12,100 रुपए।
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,820- 1,870 रुपए प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 10,350 रुपए प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,615 - 1,755 रुपए प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,725 - 1,845 रुपए प्रति टिन।
तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपए।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,450 रुपए।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,200 रुपए।
सोयाबीन तेल डीगम- 8,370 रुपए।
सीपीओ एक्स-कांडला-7,500 से 7,550 रुपए।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 8,200 रुपए।
पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 9,000 रुपए।
पामोलीन कांडला- 8,150 रुपए (बिना जीएसटी के)।
सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,625- 3,650 लूज में 3,360--3,425 रुपए।
मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपए

सूत्रों ने कहा कि विदेशी सस्ते तेलों के आयात बढ़ने के कारण सूरजमुखी, मूंगफली और सोयाबीन हाजिर मंडियों में लागत मूल्य से 15 से 25 प्रतिशत तक नीचे बिक रहे हैं। एसईए और सोपा जैसे तेल उद्योग के प्रमुख संगठनों के अलावा तेल तिलहन उद्योग ने भी ऐसी स्थिति में सरकार से सस्ते आयात पर अंकुश लगाने और आयात शुल्क में वृद्धि करने की सलाह दी है ताकि देशी तेल, बाजार में खप सकें और स्थानीय तिलहन उत्पादकों को फायदा हो।

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