- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की प्रभारी भी हैं।
- सीतारमण ने डिजिटलीकरण के संदर्भ में सुरक्षा तंत्र की जरूरत पर जोर दिया।
- 2020 और उसके बाद के दशकों में डिजिटल तरीकों का महत्व बढ़ता जाएगा: वित्त मंत्री।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) के तहत कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शेयर बाजार में जारी उथल- पुथल के बीच कहा कि रिटेल इन्वेस्टर्स विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली से लगने वाले झटकों से संभालने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान खुदरा निवेशकों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।
छोटे निवेशकों की बढ़ी संख्या
इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि, 'रिटेल निवेशक इतने बड़े पैमाने पर आ गए हैं कि वे झटकों से संभलने का काम कर रहे हैं। अगर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक चले गए, तो वास्तव में हमारे बाजारों को बहुत ज्यादा उतार- चढ़ाव का सामना नहीं करना पड़ा। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर छोटे निवेशक आ गए हैं।'
उल्लेखनीय है कि सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड ने मार्च में कहा था कि उसके पास खोले गए सक्रिय डीमैट अकाउंट (Demat Account) की संख्या ने छह करोड़ के आंकड़े को छू लिया है।
डिजिटलीकरण से निपटने के लिए नियामकों को होना होगा उन्नतशील
आगे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटलीकरण पर भी बयान दिया। इश संदर्भ में उन्होंने कहा कि नियामकों और अन्य संस्थाओं को डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को समझने में ज्यादा उन्नत और वक्त से आगे होना चाहिए। टेक्नोलॉजी के गलत इस्तेमाल रोकने के लिए ऐसा करना जरूरी है।