- देश की पहली राष्ट्रीय हवाई खेल नीति की घोषणा हो गई है।
- 7 जून 2022 का दिन एरोस्पोर्ट्स के लिए बड़ा दिन है।
- एक लाख से भी ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
नई दिल्ली। खेल के साथ रोमांच का सबसे बेहतर मेलजोल वाला एरोस्पोर्ट्स के लिए आज बड़ा दिन है। केन्द्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देश की पहली राष्ट्रीय हवाई खेल नीति की घोषणा की। नई नीति के साथ ही इन खेलों को संचालित करने के लिए एक नई स्पोर्ट्स बॉडी एरो स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की गठन की घोषणा की। शुरुआत दौर में इनमें 11 प्रकार के हवाई खेलों के लिए देश के विभिन्न स्थानों पर अलग अलग हवाई क्लस्टर समेत पूरा ईकोसिस्टम बनाने का प्रावधान किया गया है ।
100 करोड़ रुपए का बाजार
मौजूदा समय में अगल अगल क्षेत्रों और स्पोर्ट्स में देश में इस समय करीब पांच हजार लोग जुड़े हुए हैं जिससे करीब 80-100 करोड़ रुपए का बाजार है। सरकार की कोशिश है कि नई नीति के बाद इस क्षेत्र में करीब एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने और राजस्व 10 हजार करोड़ रुपए तक होने की संभावना है।
एरो स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया का गठन किया जाएगा जो देश में एरो स्पोर्ट्स की सबसे बड़ी डिजिसन मेकिंग बॉडी होगी। इसमें 11 प्रकार के हवाई खेलों के अलग अलग राष्ट्रीय संघों का गठन होगा। उसी तर्ज पर उनके रिजनल और डिस्ट्रिक्ट स्तर पर सेंटर होंगे। फेडरेशन में सभी स्पोर्ट्स संघ के उनके अध्यक्षों एवं सचिवों, भारतीय एयरो क्लब के सदस्यों, तीन विशेषज्ञों और सदस्य सचिव के रूप में नागर विमान मंत्रालय के संयुक्त सचिव सहित कुल 34 सदस्य महासंघ के प्रशासकीय मंडल में होंगे। इसके सदस्यों में चार सरकार एवं अन्य निजी क्षेत्र के होंगे।
केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मौके पर कहाँ की पहले चरण में जिन 11 खेलो को शामिल किया जाएगा उनमें एयरोबेटिक्स, एयरोमॉडलिंग एवं मॉडल रॉकेटरी, एमेच्योर बिल्ट एवं एक्सपेरीमेंटल एयरक्राफ्ट, एयर बैलूनिंग, ड्रोन, ग्लाइडिंग एवं पावर ग्लाइडिंग, हैंग ग्लाइडिंग एवं पावर्ड हैंग ग्लाइडिंग, पैराशूट (स्काईडाइविंग, बेस जम्पिंग एवं विंगसूट आदि), पैराग्लाइडिंग एवं पैरामोटरिंग (पावर्ड पैराशूट ट्राइक्स सहित), पावर्ड एयरक्राफ्ट (अल्ट्रालाइट, माइक्रोलाइट, एवं लाइट स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट आदि) तथा रोटरक्राफ्ट (ऑटोजाइरो सहित) शामिल हैं। इसके साथ ही भविष्य में इसमें और भी खेलों को उनकी लोकप्रियता के आधार पर जोड़ा जा सकेगा। देश में हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, केरल, आंध्र प्रदेश, पूर्वोत्तर क्षेत्र में अनेक स्थानों पर अलग अलग हवाई खेलों के लिए अलग से हवाई क्लस्टर या फिर सर्किट बनाये जाएंगे जो एटीसी की अनुमति से उनकी निगरानी में चलेगा।
मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा में ग्लाइडिंग, राजस्थान के पुष्कर में हॉट एयर बैलूनिंग के लिए विकसित किया जाएगा। राज्य सरकारों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ मिल इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाये पर भी ध्यान दिया जाएगा।