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अर्थव्यवस्था को लेकर फिर हो सकता है बड़ा ऐलान! सरकारी बैंकों के CEOs के साथ आज मीटिंग करेंगी निर्मला सीतारमण

Updated May 11, 2020 | 07:02 IST

Meeting Between public sector banks CEOs & Finance Minister : कोरोना वायरस की वजह से पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को वापस लाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार प्रयास कर रही हैं।

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सरकारी बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे निर्मला सीतारमण
मुख्य बातें
  • बैंकों के साथ कोरोना वायरस प्रकोप से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने की कोशिशों पर चर्चा होगी
  • सूत्रों के मुताबिक कोविड-19 इमरजेंसी लोन सुविधा के तहत लोन के आवंटनों की भी समीक्षा की जाएगी
  • लोन की किस्तों के भुगतान के लिए बैंकों की ओर से मोहलत देने की योजना की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी

नई दिल्ली : कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए तीसरे लॉकडाउन के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को सरकारी बैंकों के सीईओ के साथ मीटिंग करेंगी। जिसमें लोन लेने की स्थिति और कोरोना वायरस प्रकोप से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के प्रयासों पर चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबकि सोमवार की बैठक में रिवर्स रेपो रेट के जरिए बैंकों के लिए एक्स्ट्रा पूंजी की व्यवस्था को लेकर भी चर्चा हो सकती है। इसके अलावा, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) के लिए टारगेटेड लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेटिंग (टीएलटीआरओ) की प्रगति तथा कोविड-19 इमरजेंसी लोन सुविधा के तहत कर्ज के आवंटनों की भी समीक्षा की जाएगी। सूत्रों ने कहा कि यह मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। इसमें लोन लेने वालों तक ब्याज दर में कमी का फायदा पहुंचाने तथा लोन की किस्तों के भुगतान के लिए बैंकों की ओर से मोहलत देने की योजना की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी।

ईएमआई भुगतान राहत से 3.2 करोड़ लोगों को फायदा
वित्त मंत्री ने गु्रुवार को कहा था कि रिजर्व बैंक द्वारा घोषित तीन महीने तक लोन की किस्तों (ईएमआई) के भुगतान से राहत योजना के तहत 3.2 करोड़ लोन लेने वालों ने लाभ उठाया है। उन्होंने ट्वीट किया था कि पीएसबी ने आरबीआई की सिफारिशों के अनुसार लोन की किस्तें चुकाने से राहत देने का काम पूरा कर लिया है। इस लाभ को प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाए जाने से 3.2 करोड़ से अधिक खातों को तीन महीने की राहत मिल पाना सुनिश्चित हुआ। कंफ्यूजन के त्वरित समाधान ने ग्राहकों की चिंता दूर की। इससे लॉकडाउन के दौरान जिम्मेदार बैंकिंग सुनिश्चित हुआ। 

मार्च-अप्रैल में 5.66 लाख करोड़ रुपए मंजूर हुए लोन
वित्त मंत्री ने कहा था कि सरकारी बैंकों ने मार्च-अप्रैल के दौरान 5.66 लाख करोड़ रुपए के लोन मंजूर किए हैं। लॉकडाउन हटाए जाने के तुरंत बाद इनका वितरण शुरू हो जाएगा, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेजी से आगे बढ़ेंगी। उन्होंने कहा था कि सरकारी बैंकों ने एनबीएफसी और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को निरंतर लोन प्रवाह बनाए रखने में मदद करने के लिए 01 मार्च से 04 मई के बीच 77,383 करोड़ रुपए के ऋण को मंजूरी दी। इसके अलावा, टारगेडेट लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेटिंग (टीएलटीआरओ) के तहत, कुल 1.08 लाख करोड़ रुपए के वित्तपोषण की व्यवस्था व्यापार स्थिरता और निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिए की गई।

कंपनियों के लिए 42000 करोड़ रुपए लोन की मंजूरी
एमरजेंसी लोन सुविधा के तहत लोन लेने वाले मौजूदा फंड बेस्ड वर्किंग पूंजी के अधिकतम 10% के बराबर कर्ज का लाभ उठा सकते हैं। इसकी अधिकतम सीमा 200 करोड़ रुपए है। सरकारी बैंकों ने लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों) एमएसएमई सेक्टर और अन्य कंपनियों को 42,000 करोड़ रुपए लोन की मंजूरी दी है।

आरबीआई रेपो रेट में की थी 0.75% की कटौती
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 27 मार्च को अपनी नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में 0.75% की बड़ी कटौती की थी। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने बैंकों से लॉकडाउन से प्रभावित लोन लेने वालों को किस्त चुकाने में तीन महीने तक किस्तों (EMI) के भुगतान में राहत देने की भी घोषणा की थी। इस महीने की शुरुआत में, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक की थी। उन्होंने बैठक में आर्थिक स्थिति का जायजा लिया था तथा केंद्रीय बैंक द्वारा घोषित विभिन्न मोहलत देने जैसे सहायता के उपायों के कार्यान्वयन की समीक्षा की थी।
 

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