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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 80 लाख कर्मचारियों को दी ये राहत, जानिए क्या है EPF योजना

Updated Mar 26, 2020 | 15:25 IST

Corona economic package : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है।

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संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को बड़ी राहत
मुख्य बातें
  • निर्मला सीतारमण ने एक लाख 70 हजार करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया
  • सरकार ने उन कर्मचारियों को भी राहत देने का ऐलान किया
  • कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में सरकार योगदान करेगी

नई दिल्ली : देश भर में कोरोना वायरस के लगातार मामले बढ़े जा रहे हैं। इसको देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लिए लॉकडाउन का ऐलान किया। जिसके बाद देश में सबकुछ ठप हो गया। इससे आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक लाख 70 हजार करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। सरकार ने उन कर्मचारियों को भी राहत देने का ऐलान किया। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में सरकार योगदान करेगी।

संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को फायदा
भारत सरकार अगले तीन महीनों के लिए कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के ईपीएफ अंशदान का भुगतान करेगी। यह उन सभी प्रतिष्ठानों के लिए होगा जिनमें 100 कर्मचारी हैं, जिनमें से 90%  कर्मचारी प्रति महीने 15,000 रुपए से कम कमाते हैं।

80 लाख कर्मचारियों को होगा फायदा 
इससे ऐसे चार लाख संगठनों और 80 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। ईपीएफओ रेगुलेशन में संशोधन किया जाएगा। कर्मचारियों को भविष्य निधि खाते से 75 प्रतिशत जमाराशि अथवा तीन महीने के वेतन में जो भी कम हो उसे निकालने की अनुमति होगी।

क्या है EPF योजना
यह स्कीम वेतन पाने कर्मचारियों के लिए है। ऐसी कंपनियां जहां 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हों, तो वे EPF का फायदा उठा सकते हैं। इस स्कीम का प्रमुख उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद की कर्मचारी की जरूरतों को पूरा करने के लिए फंड जमा करना है।  इसमें दो तरह से योगदान होता है। इस स्कीम में कर्मचारी की बेसिक सैलरी 12% नियोक्ता के द्वारा कर्माचरी के ईपीएफ अकाउंट में जमा किया जाता है। इतना ही हिस्सा कर्मचारी की सैलरी से काटा जाता है और उतना ही हिस्सा कंपनी को कर्मचारी के  EPFअकाउंट में जमा कराना होता है। इस योजना में काफी बेहतर इंटरेस्ट रेट मिलता है। कर्मचारी को खुद का और कंपनी का योगदान ब्याज के साथ रिटायरमेंट के समय दिया जाता है। हालांकि, कुछ खास परिस्थितियों जैसे, घर बनाना, बीमारी, शादी में कर्मचारी अपने पीएफ अकाउंट में से पैसे निकाल सकते हैं।

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