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वित्त मंत्रालय का बड़ा ऐलान- 40 लाख रुपये सालाना तक के टर्नओवर वाला कारोबार किया GST से मुक्त

Updated Aug 24, 2020 | 12:15 IST

केंद्र सरकार ने छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्रालय ने ऐलान किया है कि 40 लाख रुपये सालाना तक के टर्नओवर वाले कारोबार को अब जीएसटी से मुक्त कर दिया है।

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40 लाख तक के सालाना टर्नओवर वाला कारोबार हुआ GST से मुक्त
मुख्य बातें
  • छोटे कारोबारियों को केंद्र सरकार ने प्रदान की बड़ी राहत
  • 40 लाख तक के कारोबार को अब किया जीएसटी से मुक्त, पहले 20 लाख थी सीमा
  • वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर दी विस्तार से जानकारी

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत प्रदान की है। वित्त मंत्रालय ने अब 40 लाख रुपये तक के सालााना कारोबार करने वाले व्यापारियों को जीएसटी से मुक्त कर दिया है। इससे पहले यह सीमा 20 लाख रुपये थी। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि पर वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए कहा, 'अब, 40 लाख रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी जीएसटी से मुक्त हैं। शुरुआत में यह सीमा 20 लाख रुपये थी। इसके अतिरिक्त, 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले कारोबारी कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं और केवल भुगतान कर सकते हैं।'

वित्त मंत्रालय ने बताया, 'एक बार जीएसटी लागू होने के बाद, बड़ी संख्या में वस्तुओं से कर की दर को घटाया गया है। अब 28% की दर लगभग पूरी तरह से लग्जरी आइटम्स की वस्तुओं तक ही सीमित है। 28% के स्लैब में कुल 230 वस्तुओं में से लगभग 200 वस्तुओं को निचले स्लैब में बदल दिया गया है। निर्माण क्षेत्र, विशेष रूप से आवास क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण  राहत दी गई है। इसकी दर अब 5% कर दी गई है।'

वित्त मंत्रालय ने जेटली को किया याद

वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'श्री अरुण जेटली की प्रथम पुण्यतिथि पर, हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और राष्ट्र निर्माण में उनके स्थायी योगदान को याद कर रहे हैं जो उन्होंने 2014-19 के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में किया। जैसा कि हम आज श्री अरुण जेटली को याद करते हैं, आइए हम जीएसटी के क्रियान्वयन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को याद करें जिसे इतिहास में भारतीय कराधान में सबसे मूलभूत सुधारों में से एक के रूप में जाना जाएगा।'
 

वित्त मंत्रालय का ट्वीट

अगले ट्वीट में वित्त मंत्रालय ने कहा, 'जीएसटी से पहले, वैट, आबकारी, केंद्रीय बिक्री कर और टैक्स पर कर के मामलों में कई पर टैक्स की दर 31 फीसदी थी। भारत भर में कई बाजारों, प्रत्येक राज्य पर कर की एक अलग दर वसूलने के कारण एक भारी असंतुलन बना हुआ था जीएसटी के तहत, अनुपालन में लगातार सुधार हो रहा है। करदाता आधार लगभग दोगुना होकर 1.24 करोड़ हो गया है।'

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