- पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद भी इसकी कीमत बहुत ज्यादा है।
- देश में 80 फीसदी ईंधन का आयात किया जाता है।
- सरकार जल्द ही फ्लेक्स इंजन को भारत में अनिवार्य कर सकती है।
Flex Fuel: दिवाली (Diwali) से पहले मोदी सरकार (Modi Government) ने पेट्रोल और डीजल (Petrol Diesel) पर उत्पाद शुल्क (Excise Duty) में भारी कटौती की, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिली। पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की गई। इसके बाद कई राज्यों ने वैट (VAT) में भी कटौती की घोषणा की। लेकिन इस कटौती के बाद भी देश में पेट्रोल और डीजल काफी महंगा है। कई राज्यों में ईंधन की कीमत अब भी 100 रुपये के पार है। ऐसे में केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी लाने के लिए एक और कदम उठा सकती है। दरअसर मोदी सरकार एक खास प्लान पर काम कर रही है, जिससे जनता को फायदा होगा क्योंकि उनकी कार करीब 60 रुपये के लागत वाले ईंधन से चलेगी। आइए जानते हैं क्या है सरकार का प्लान।
जानें क्या है मोदी सरकार का प्लान (Modi Government plan)?
दरअसर केंद्र सरकार फ्लेक्स फ्यूल (Flex Fuel) पर काम कर रही है। इससे महंगे पेट्रोल-डीजल से छुटकारा मिल जाएगा और आम जनता को भारी कीमत नहीं चुकानी पड़ेगी। मालूम हो कि हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा था कि ईंधन की बढ़ती कीमतों का मुकाबला करने का एकमात्र तरीका आयातित ईंधन पर देश की निर्भरता को समाप्त करना और भारत में वैकल्पिक ईंधन का निर्माण करना है।
उन्होंने बताया कि, 'हम 80 फीसदी ईंधन का आयात करते हैं। मैं फ्लेक्स इंजन पेश कर रहा हूं। फ्लेक्स इंजन बाइक और स्कूटर। यानी आप 100 फीसदी पेट्रोल या 100 फीसदी एथेनॉल का इस्तेमाल कर सकते हैं। एथेनॉल 65 रुपये प्रति लीटर है। आगे मंत्री ने यह भी कहा कि फ्लेक्स इंजन, जो पेट्रोल और एथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन दोनों के अनुकूल हो सकते हैं, को भारत में छह महीने में अनिवार्य कर दिया जाएगा।
'टोयोटा (Toyota) यूरो 6 उत्सर्जन मानदंडों (Euro 6 emission norms) के साथ वाहन लॉन्च कर रही है। हम छह महीने में फ्लेक्स इंजन अनिवार्य कर देंगे। पेट्रोल की जगह एथेनॉल का इस्तेमाल करें, यह सस्ता है।'
जानें क्या है फ्लेक्स फ्यूल (What is Flex Fuel)
फ्लेक्स फ्यूल गैसोलीन और मेथनॉल या एथनॉल के मिश्रण से बनाया जाता है। यह एक वैकल्पिक ईंधन है। इस फ्यूल का इंजन वैसे तो पेट्रोल इंजन जैसा ही होता है, लेकिन इसमें अतिरिक्त कंपोनेंट भी होते हैं। इस इंजन की लागत भी कम है। दुनिया के कई देशों में इसका इस्तेमाल होता है।