Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों और जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए दो सबसे बड़ी खाद्यान्न वितरण योजना-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और आत्म-निर्भर भारत अभियान (ANBA) की शुरुआत की ताकि कोरोना महामारी के समय कोई भी इंसान भूखा न सोए। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने मीडिया को कैबिनेट के उस फैसले के बारे में भी जानकारी दी जिसमें आत्म-निर्भर भारत अभियान के लाभार्थियों के लिए आवंटित खाद्यान्नों के शेष रह जाने स्थिति में 31 अगस्त, 2020 तक उनके वितरण के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है। पासवान ने कहा कि इन दोनों योजनाओं के क्रियान्वयन से देश में कोरोना महामारी के कारण हुए आर्थिक व्यवधान से संकट का सामना कर रहे गरीबों और जरूरतमंदों की मुश्किलें कम हो जाएंगी।
प्रवासी मजदूरों को खाद्यान्न वितरण
पासवान ने कहा कि यह योजना 15 मई, 2020 को शुरू की गई थी और वास्तविक लाभार्थियों की पहचान करने की प्रक्रिया में कुछ समय लग गया था, इसलिए राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पहले से ही उठा लिए गए 6.39 एलएमटी खाद्यान्नों में से शेष रह गए खाद्यानों के वितरण के लिए 31 अगस्त, 2020 तक का और समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि आत्म-निर्भर भारत अभियान के तहत आवंटित खाद्यान्नों और साबूत चने में से बाकी रह गए खाद्यानों के वितरण का काम अब राज्य या केंद्र शासित प्रदेश 31 अगस्त, 2020 तक पूरा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने वितरण के लिए 6.39 एलएमटी खाद्यान्न ले लिया है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने मई में 2.24 करोड़ और जून, 2020 में 2.25 करोड़ लाभार्थियों को 2,32,433 मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किए हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 33,620 मीट्रिक टन साबुत चने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने अब तक कुल 32,968 मीट्रिक टन चने का उठाव किया है जिसमें से 10,645 मीट्रिक टन चना वितरित किया जा चुका है।
आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों के लक्ष्य के मुकाबले 2.32 करोड़ को मिला राशन
पासवान ने कहा कि आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों के लक्ष्य के मुकाबले, मई में केवल 2.32 करोड़ प्रवासी श्रमिकों तक ही मुफ्त राशन पहुंचा है। उन्होंने कहा कि जून में यह राशन केवल 2.14 करोड़ श्रमिकों को मिला है। उन्होंने कहा कि बिहार में वापस घर लौटने वाले अधिकतम प्रवासियों को इस योजना का लाभ मिला है। यह संख्या 86 लाख है। उसके बाद राजस्थान में यह फायदा 32 लाख प्रवासी मजदूरों को मिला है जबकि पश्चिम बंगाल में 20.80 लाख लोगों को मुफ्त राशन वितरण किया गया है।
वन नेशन वन राशन कार्ड
वन नेशन वन राशन कार्ड पर पासवान ने कहा कि मंत्रालय जनवरी 2021 तक सभी बाकी राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों को ओएनओआरसी में शामिल करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि पहले कई राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों ने धीमी नेटवर्क कनेक्टिविटी से संबंधित चुनौतियों के बारे में कहा था। पासवान ने इस संबंध में बताया कि उन्होंने यह मुद्दा दूर संचार विभाग (डीओटी) के समक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि एक साल की अवधि के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत को मुफ्त नेट कनेक्शन प्रदान करने का प्रस्ताव है।
आत्म-निर्भर भारत पैकेज के तहत, प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न और प्रति परिवार 1 किलोग्राम मुफ्त साबूत चना उन प्रवासी मजदूरों, कहीं फंसे रह गए और जरूरतमंद परिवारों को वितरित किया गया है, जो एनएफएसए या राज्य योजना पीडीसी कार्ड के तहत नहीं आते हैं।