नई दिल्ली: होल्सिम ग्रुप (Holcim Group) की सीमेंट कंपनी-अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड (Ambuja cement) और एसीसी लिमिटेड (ACC Ltd) के कारोबार का मालिकाना हक अडाणी समूह के पास होगा, बताया जा रहा है कि इसे खरीदने की होड़ में अडानी ग्रुप, और राधाकिशन दमानी थे लेकिन सफलता गौतम अडानी के हाथों आई।
यह डील लगभग 10.5 बिलियन डॉलर में हुई है। अडाणी ग्रुप ने होल्सिम ग्रुप के भारतीय कारोबार के अधिग्रहण की बोली जीत ली है। ACC सीमेंट कंपनीज और अंबुजा पर मालिकाना हक होलसिम कंपनी का है, यह स्विट्जरलैंड की बिल्डिंग मटेरियल कंपनी है।
गौर हो कि ACC सीमेंट बेहद नामी है और इसकी शुरुआत 1 अगस्त 1936 को मुंबई से की गई थी वहीं अंबुजा सीमेंट की स्थापना 1983 में नरोत्तम सेखसरिया और सुरेश नियोतिया ने की थी।
इस टेकओवर की जानकारी देते हुए गौतम अडाणी ने ट्वीट कर कहा, 'भारत की कहानी में हमारा विश्वास अडिग है। भारत में होलसिम की सीमेंट कंपनियों को हमारी ग्रीन एनर्जी और लॉजिस्टिक्स के साथ मिलाने से ये हमें दुनिया की सबसे ग्रीनेस्ट सीमेंट कंपनी बना देगी।'
इससे पहले मार्च, 2022 में अडाणी एंटरप्राइजेज ने क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया में कुछ हिस्सेदारी हासिल करके मीडिया व्यवसाय में प्रवेश करने की घोषणा की थी।
क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा अडानी ग्रुप
गौतम अडाणी के समूह अडाणी एंटरप्राइजेज की इकाई एएमजी मीडिया नेटवर्क्स डिजिटल व्यापार समाचार मंच क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी। कंपनी ने शेयर बाजार को भेजी सूचना में यह जानकारी दी। हालांकि, अधिग्रहण राशि का खुलासा नहीं गया है।अडाणी एंटरप्राइजेज ने 13 मई की देर रात को भेजी नियामकीय सूचना में कहा कि उसने क्विंटिलियन मीडिया लिमिटेड (QML) और क्यूबीएमएल के साथ एक शेयरधारक समझौता किया है। साथ ही क्यूएमएल, क्यूबीएमएल और क्विंट डिजिटल मीडिया लिमिटेड (क्यूडीएमएल) के साथ एक शेयर खरीद समझौते (SPA) पर हस्ताक्षर किए हैं।
समूह ने कहा, 'एसएचए और एसपीए में एएमजी मीडिया द्वारा क्यूबीएमएल की 49 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी, अधिकारों और दायित्वों तथा अन्य मामलों के संबंध में समझौते की शर्तों का उल्लेख है।' क्यूबीएमएल दरअसल समाचार डिजिटल मंच ब्लूमबर्गक्विंट द्वारा संचालित एक व्यावसायिक और वित्तीय समाचार कंपनी है। क्विंट डिजिटल मीडिया लिमिटेड ने भी शेयर बाजारों को भेजी एक नियामकीय सूचना के जरिये इस समझौते की पुष्टि की है।