- गुरुद्वारा सर्किट ट्रेन देश भर में कम से कम चार प्रमुख गुरुद्वारों को कवर करेगी।
- यात्रा की लागत 900-1000 रुपए प्रति यात्री प्रति दिन के बीच होगी।
- इस स्पेशल ट्रेन में स्लीपर क्लास और एसी क्लास समेत 16 कोच होंगे।
Gurudwara Circuit Train: भारतीय रेलवे सिख श्रद्धालुओं के लिए उनके तीर्थ स्थलों पर जाने के लिए एक गुरुद्वारा सर्किट ट्रेन चलाने की योजना बना रहा है, भारतीय रेलवे के सूत्रों ने एएनआई को बताया। अमृतसर में शुरू और समाप्त होने वाली 11 दिवसीय यात्रा कम से कम चार प्रमुख गुरुद्वारों को कवर करेगी जिनमें अमृतसर में हरमिंदर साहिब, बिहार की राजधानी पटना में पटना साहिब, नांदेड़, महाराष्ट्र में हजूर नांदेड़ साहब और भटिंडा में दमदमा साहिब शामिल हैं। इस ट्रेन में अंबाला, सहारनपुर, लखनऊ, मनमाड, सूरत, अहमदाबाद, जयपुर, बठिंडा और अमृतसर सहित कई स्टॉपेज होंगे।
स्पेशल ट्रेन में स्लीपर क्लास और एसी क्लास समेत 16 कोच होंगे। न्यूज 18 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एसी क्लास में एक यात्री के लिए यात्रा की लागत 900-1000 रुपए प्रति यात्री प्रति दिन के बीच होगी। यह सर्किट ट्रेन लीजिंग मॉडल पर चलाई जाएगी। पट्टे की अवधि न्यूनतम 5 वर्ष होनी चाहिए और अधिकतम कोडर जीवन तक बढ़ाई जा सकती है। परियोजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, कहा जा रहा है कि प्रति वर्ष कोच लीज लागत 7% कम होगी, समाचार रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है।
वर्तमान में, गुरुद्वारा सर्किट स्पेशल ट्रेन के बारे में डिटेल को अंतिम रूप दिया जा रहा है और जल्द ही इसे जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। ट्रेन में स्लीपर और एसी दोनों कोच होंगे और किराया ऑपरेटर द्वारा तय किया जाएगा। इसके साथ ही ट्रेन में पेंट्री कार भी लगाई जाएगी लेकिन यात्रियों को पहले से खाना बुक करना होगा।
रेल मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि देश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के बारे में आम लोगों को जागरूक करने के मकसद से रेलवे पिछले कुछ सालों से ऐसी कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। 'रामायण सर्किट' और 'बुद्ध सर्किट' के बाद गुरुद्वारा सर्किट नवीनतम परियोजना होगी। सूत्रों के मुताबिक महात्मा गांधी के जीवन दर्शन से लोगों को अवगत कराने के लिए जल्द ही 'गांधी सर्किट स्पेशल ट्रेन' शुरू करने की भी योजना है। इसी तर्ज पर कुछ और विशेष सर्किट भी शुरू किए जा सकते हैं।
सूत्रों ने बताया कि रेलवे 4000 से 5000 रेल कोच तैयार कर रहा है, जो प्राइवेट ऑपरेटरों को शर्तों के साथ लीज पर दिए जाएंगे, जो कम से कम 5 साल की अवधि के लिए होंगे। इस अवधि के दौरान, रेलवे कोचों के रखरखाव के लिए ऑपरेटर जिम्मेदार होगा, जबकि संचालन के रखरखाव की जिम्मेदारी रेलवे के पास होगी। सूत्रों के मुताबिक अब तक करीब 50 ऑपरेटरों ने रेलवे के इस महत्वाकांक्षी स्पेशल सर्किट प्रोजेक्ट से जुड़ने में दिलचस्पी दिखाई है।