- रेपो दर में कटौती और सीआरआर में कमी से बैंक फ्लोटिंग-रेट लोन पर ब्याज दर होगी कम
- समय की अवधि में रेपो रेट में कमी का मिलेगा फायदा मिलेगा
- RBI ने दी अच्छी खबर, ईएमआई (किश्त) देने में लोगों को मिलेगी राहत
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को रेपो दर में 75 बेसिस अंक या 0.75% की कमी की घोषणा की। यह एक ऐसा कदम था जिससे घर और कार लोन लेने वाले लोगों के ईएमआई बोझ को कम करेगा। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 1-3 अप्रैल को होनी थी लेकिन COVID -19 के प्रकोप के मद्देनजर इसे 24-27 मार्च के बीच पहले ही कर लिया गया है।
रेपो रेट में कटौती के साथ-साथ केंद्रीय बैंक ने बैंकों के कैश रिज़र्व रेशियो (CRR) में 100 आधार अंकों की कटौती की भी घोषणा की। रेपो दर में कटौती के साथ-साथ सीआरआर में कमी से बैंक फ्लोटिंग-रेट लोन पर ब्याज दर कम हो जाएगी।
जिन लोगों ने रेपो रेट से जुड़े घर या कार लोन ले रखे हैं, उन्हें लोन की ब्याज दर में 0.75% की राहत तत्काल मिलेगी, जबकि बेस रेट से जुड़े लोन लेने वाले और MCLR को एक अवधि में रेपो रेट में कमी का फायदा मिलेगा।
उदाहरण के लिए, रेपो से जुड़ी भारतीय स्टेट बैंक की बाहरी बेंच रेट (EBR) अब 7.80% से 7.05% तक गिर जाएगी। वेतनभोगी उधारकर्ताओं के लिए 30 लाख रुपए तक के एसबीआई होम लोन पर ब्याज दर पहले के 7.95% से घटकर 7.20% हो जाएगी। अगर आपके पास एसबीआई से 20 साल के लिए 30 लाख रुपए का होम लोन है, तो आपकी ईएमआई 25,000 रुपए से अब लगभग 23,620 रुपए हो जाएगी। 30-75 लाख रुपए के बीच के एसबीआई होम लोन लेने वाले उधारकर्ताओं की ब्याज दर नीचे दिए गए आंकड़ों के आधार पर गिर जाएगी।
30 से 75 लाख रुपए तक का होम लोन
पहले |
अब |
|
रैपो रेट |
5.15% |
4.4% |
+मार्जिन/मार्क अप चार्जड |
2.65% |
2.65% |
EBR |
7.8% |
7.05% |
+प्रीमियम |
0.4% |
0.4% |
इंट्रेस |
8.2% |
7.45% |
75 लाख से ऊपर का होम लोन
पहले |
अब |
|
रेपो रेट |
5.15% |
4.4% |
+मार्जिन/मार्क अप चार्जड |
2.65% |
2.65% |
EBR |
7.8% |
7.05% |
+प्रीमियम |
0.5% |
0.5% |
इंट्रेस्ट |
8.3% |
7.55% |
शीर्ष बैंक आरबीएआई ने घर, ऑटो, व्यक्तिगत ऋणों को EMI भुगतान के लिए तीन महीने की छूट अवधि की अनुमति दी है, जिसका अर्थ है कि उधारकर्ता अपने संबंधित बैंकों से अनुमोदन लेने के बाद अप्रैल, मई और जून 2020 के लिए EMI भुगतान को छोड़ सकते हैं और एक डिफ़ॉल्ट के रूप में माना जाएगा, इसलिए क्रेडिट स्कोर डाउनग्रेड का कोई जोखिम नहीं है।