- पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती के बावजूद इसकी कीमत बहुत ज्यादा है।
- सरकार लंबे समय से लोगों को महंगे पेट्रोल-डीजल से छुटकारा दिलाने के लिए फ्लेक्स फ्यूल पर काम कर रही है।
- फ्लेक्स फ्यूल गैसोलीन और मेथनॉल या इथेनॉल के मिश्रण से बनाया जाता है।
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने सोमवार को कहा कि सरकार ने कार निर्माताओं को अगले छह महीनों के भीतर फ्लेक्स फ्यूल इंजन (Flex Fuel Engines) वाले वाहनों का निर्माण शुरू करने की सलाह दी है। फ्लेक्स ईंधन या फ्लेक्सिबल ईंधन, गैसोलीन और मेथनॉल या इथेनॉल के से बना एक वैकल्पिक ईंधन है।
नितिन गडकरी ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि, 'आयातित ईंधन पर देश की निर्भरता को समाप्त करने के लिए और किसानों को लाभ प्रदान करने के लिए, हमने अब भारत में ऑटोमोबाइल निर्माताओं को फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल्स (FFV) और फ्लेक्स फ्यूल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FFV-SHEV) का निर्माण शुरू करने की सलाह दी है।'
Flex Fuel: महंगे पेट्रोल से मिलेगा छुटकारा, 60 रुपये का होगा ये फ्यूल, जानें मोदी सरकार का प्लान
उन्होंने आगे कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की आत्मानिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) की दृष्टि और परिवहन ईंधन के रूप में इथेनॉल को बढ़ावा देने की सरकार की नीति के अनुरूप, फ्लेक्स ईंधन वाहन 100 फीसदी पेट्रोल या 100 फीसदी जैव-इथेनॉल के संयोजन पर चलने में सक्षम हैं।
ऐसे होगा फायदा
गडकरी ने कहा कि, 'इस कदम से वाहनों से वेल-टू-व्हील आधार पर ग्रीनहाउस गैस (Greenhouse Gas) उत्सर्जन में भारी कमी आएगी, जिससे भारत को 2030 तक कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन को एक बिलियन टन कम करने के लिए COP26 में की गई अपनी प्रतिबद्धता का पालन करने में मदद मिलेगी।' गडकरी का मानना है कि फ्लेक्स-फ्यूल इंजन के इस्तेमाल से भारत के ईंधन आयात बिल में काफी कमी आ सकती है और साथ ही किसानों की आय में भी सुधार हो सकता है।