नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एयर इंडिया को टाटा समूह के हाथों सुपुर्द करने की प्रक्रिया पूरी होने में अभी एक महीने का समय लग सकता है। अब इस अधिग्रहण के जनवरी तक ही पूरा हो पाने की उम्मीद है। सरकार ने गत अक्टूबर में टाटा संस की एक कंपनी की तरफ से लगाई गई बोली को स्वीकार कर एयर इंडिया के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। एयर इंडिया के साथ उसकी सस्ती विमान सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस की भी शत-प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी। साथ ही उसकी ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी एआईएसएटीएस की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा समूह को दी जाएगी।
उस समय सरकार की तरफ से कहा गया था कि इस अधिग्रहण से जुड़ी औपचारिकताओं को दिसंबर के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। नियमों के मुताबिक, सुपुर्दगी से संबंधित प्रक्रिया आठ सप्ताह में पूरी हो जानी चाहिए लेकिन दोनों पक्षों के राजी होने पर इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। इस मामले में भी तारीख आगे बढ़ाने पर बात चल रही है।
इस घटनाक्रम से परिचित एक अधिकारी ने कहा कि अभी तक कुछ नियामकीय मंजूरियां नहीं मिली हैं लेकिन जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। अधिकारी ने नाम सामने न आने की शर्त पर कहा, ‘यह प्रक्रिया जनवरी तक पूरी हो जाएगी।’ हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोई तारीख नहीं बताई।
सरकार ने 25 अक्टूबर को 18,000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया की बिक्री के लिए टाटा संस के साथ खरीद समझौता किया था। टाटा सौदे के एवज में सरकार को 2,700 करोड़ रुपये नकद देगी और एयरलाइन पर बकाया 15,300 करोड़ रुपये के कर्ज की देनदारी लेगी।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सरकार को इस सौदे के तहत मिलने वाली नकद राशि अधिग्रहण प्रक्रिया संपन्न होने के बाद ही मिलेगी। एयर इंडिया वर्ष 2007-08 में इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से ही लगातार घाटे में चल रही थी। गत 31 अगस्त को उस पर कुल 61,562 करोड़ रुपये का बकाया था।