- भारत अपनी खाने के तेल की जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा आयात के माध्यम से पूरा करता है।
- 31 मार्च 2024 तक कुल 80 लाख टन कच्चे सोयाबीन और कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात बिना शुल्क के किया जा सकेगा।
- इससे घरेलू स्तर पर तेल की कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी।
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल (Petrol diesel price) पर एक्साइज ड्यूटी में भारी कटौती और रसोई गैस सिलेंडर (Gas Cylinder) पर सब्सिडी कम करने की घोषणा करने के बाद अब मोदी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने खाने के तेल (Edible Oil) पर टैक्स कम करने का फैसला लिया है, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिली है क्योंकि इससे आने वाले दिनों में खाने के तेल के दाम कम हो जाएंगे।
क्या है सरकार का फैसला?
सरकार ने सालाना 20-20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात पर कस्टम ड्यूटी और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (AIDC) को हटाने की घोषणा की है। ये शुल्क मार्च 2024 तक हटा दिए गए हैं। इस संदर्भ में एक आधिकारिक नोट में जानकारी दी गई कि देश में बढ़ती रिटेल और होलसेल महंगाई के बीच सरकार ने यह कदम उठाया है। केंद्र सरकार का मानना है कि इससे जनता को काफी राहत मिलेगी।
अधिसूचना में कहा गया है कि यह अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
मंगलवार को वित्त मंत्रालय की ओर से एक अधिसूचना जारी की गई। इस अधिसूचना के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क नहीं लगाया जाएगा। इससे डोमेस्टिक कीमतों (Edible Oil Price) में नरमी आएगी और साथ ही महंगाई को भी नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
मामले में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक ट्वीट में लिखा कि, 'यह फैसला ग्राहकों को काफी राहत प्रदान करेगा।'