- निवेश और टर्नओवर में इजाफे के बाद भी एमएसएमई को फायदा मिलेगा, कुल तीन लाख करोड़ का पैकेज दिया गया
- संकट में फंसे एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ का इंतजाम
- बिना किसी गारंटी एमएसएमई को 3 लाख तक लोन, पहले साल किसी तरह का भुगतान नहीं अगले तीन साल में चुकाया जा सकेगा लोन
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि देश के सामने पीएम ने विजन रखा। लंबी चर्चा के बाद इस पर फैसला किया गया है जिसे आत्मनिर्भर भारत पैकेज का नाम दिया गया है। उन्होंने तमिल, तेलगू, मलयालम और कन्नड़ भाषा में आत्मनिर्भर के अर्थ को बताया। बुधवार के प्रेस कांफ्रेस की खास बात यह था कि इसमें मध्यम और सुक्ष्म उद्योग के लिए बड़े ऐलान किए गए
MSME के लिए कुछ बड़े ऐलान
- माइक्रो इंडस्ट्री की परिभाषा- निवेश एक करोड़ से कम टर्नओवर पांच करोड़ से कम
- स्माल इंडस्ट्री- निवेश 10 करोड़ से कम, टर्नओवर 50 करोड़ से कम
- मीडियम इंडस्ट्री- निवेश 20 करोड़ से कम, टर्नओवर 100 करोड़ से कम
- उत्पादन करने वाली कंपनियों में अगर 25 लाख से कम निवेश तो वो माइक्रो सेक्टर में, अगर 5 करोड़ से कम निवेश तो स्मॉल सेक्टर और यदि 10 करोड़ से कम निवेश होता है तो उसे मीडियम सेक्टर में माना जाएगा।
- सर्विस देने वाली कंपनी के लिए अगर निवेश 10 लाख से कम तो माइक्रो, अगर निवेश 2 करोड़ से कम तो स्मॉल सेक्टर और यदि निवेश पांच करोड़ से कम तो मीडियम सेक्टर माना जाएगा।
- बिना गारंटी के एमएसएमई के लिए तीन लाख का लोन चार साल के लिए पहले साल किसी तरह की भुगतान नहीं करना है। 45 लाख एमएसएमई को फायदा होगा। एमएएसएमई को तीन लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान
- संकट में फंसे एमएसएमई एनपीए वाली के लिए 20 हजार करोड़ रुपए।
- 15 हजार से कम सैलरी वालों को सहायता, सरकार पीएफ में 24 फीसद जमा करेगी।
- ऐसे एमएसएमई जो आने वाले समय में अच्छा कर सकते हैं उन्हें बढ़ावा देने के लिए 10 हजार करोड़ का फंड मिलेगा।
- एमएसएमई हमेशा चाहते हैं कि वो हमेशा फायदे के लिए इस क्षेत्र में बना रहने चाहते हैं। लेकिन हम इसकी परिभाषा बदल रहे हैं। नए नियम के मुताबिक ज्यादा निवेश के बाद भी आप एमएसएमई के दायके में रहेंगे।
- अब निवेश के साथ टर्न ओवर पर परिभाषा भी बदली गई है।
- सर्विस यूनिट और मैन्यूफैक्चरिंग के लिए एक नियम
- माइक्रो यूनिट में अब 1 करोड़ का निवेश हो सकता है। और टर्न ओवर 5 करोड़ हो सकता तो भी माइक्रो यूनिट में रहेंगे।
- एमएसएमई को ई मार्केट से जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें अपने उत्पादों को आसानी से बेच सकेंगे।
- इस सेक्टर में 50 हजार करोड़ की इक्विटी पूंजी फंड ऑफ फंड के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा।
जानकारों का कहना है कि भारत सरकार के इस ऐलान के बाद निश्चित तौर पर लोकल प्रोडक्ट को बढ़ावा मिलेगा और देश आत्मनिर्भर हो सकेगा। एमएसएई से जुड़े कुछ जानकारों का कहना है कि अब तक इस तरह का डर था कि अगर किसी तरह से किसी शख्स की कंपनी इस दायरे के बाहर होती थी तो वो सरकारी एजेंसियों ने खुद के आंकड़े को छिपाने की कोशिश करते थे और इसका खामियाजा उन्हें भुगतना होता था।