- देश में मुद्रास्फीति को कम करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
- सरकार का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को गति देने के साथ- साथ खपत को बढ़ावा देना भी है।
- गरीबों और मध्यम वर्गों की मदद करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
नई दिल्ली। लोक सभा में पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों (Petrol And Diesel Price) पर जवाब देते हुए सरकार ने कहा कि ईंधन की कीमतों को लिब्रलाइज किा गया था। 26 जून 2010 से ही इसकी कीमत को बाजार निर्धारित किया गया था। पेट्रोल और डीजल की कीमत क्रमशः 26 जून 2010 और 19 अक्टूबर 2014 से बाजार-निर्धारित की गई हैं। तब से सरकारी सेक्टर की तेल विपणन कंपनियां (OMC) पेट्रोल और डीजल की कीमत पर उचित निर्णय लेती हैं।
कीमत कम करने के लिए सरकार ने उठाए कदम
सरकार ने कहा कि देश में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कीमत ग्लोबल मार्केट में संबंधित उत्पादों की कीमत से जुड़ी है। पेट्रोल और डीजल की कीमत पर हाल ही में उठाए गए कदमों पर, सरकार ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने 4 नवंबर 2021 से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Central Excise duty) में 5 रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी। इसके अलावा 22 मई 2022 से इसमें क्रमशः 8 रुपये और 6 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई थी।
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रसोई गैस की कीमत पर सरकार ने क्या कहा?
रसोई गैस की कीमत के बारे में, सरकार ने कहा कि देश में एलपीजी की कीमत (LPG Price) सऊदी अनुबंध मूल्य (CP) पर आधारित है, जो कि एलपीजी की ग्लोबल कीमत के लिए बेंचमार्क है। अप्रैल 2020 से जून 2022 तक सऊदी सीपी में लगभग 218 फीसदी का इजाफा हुआ है। हालांकि, सरकार उपभोक्ताओं के लिए डोमेस्टिक एलपीजी के प्रभावी मूल्य को संशोधित करना जारी रखे हुए है। पात्र लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में सब्सिडी जमा की जाती है।