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बिजली-पानी और ड्रेनेज सुविधाओं वाली विकसित जमीन को प्लॉट की तरह बेचने पर चुकाना होगा जीएसटी

Updated Jun 22, 2020 | 16:01 IST

GST on plots sale : अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) ने कहा कि रीयल एस्टेट डेवलपर बुनियादी सुविधाओं वाली जमीन प्लॉट की तरह बेचता है तो उसे जीएसटी देना होगा।

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विकसित जमीन को प्लॉट की तरह बेचने पर चुकाना होगा जीएसटी
मुख्य बातें
  • बुनियादी सुविधाओं वाली जमीन प्लॉट के रूप में बेचने पर जीएसटी देना होगा
  • विकसित प्लॉट ‘खरीदार को बिक्री के लिए परिसर के निर्माण’ की धारा के तहत आएगा
  • इस फैसले का प्रतिकूल असर समूचे रीयल एस्टेट सेक्टर पर पड़ेगा

नई दिल्ली : बिजली, पानी की पाइपलाइन और जल निकासी की सुविधाओं वाली जमीन की बिक्री पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) देना होगा। अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) ने यह व्यवस्था दी है। एएआर ने कहा है कि यदि कोई रीयल एस्टेट डेवलपर बुनियादी सुविधाओं वाली जमीन प्लॉट के रूप में बेचता है, तो उसपर जीएसटी देना होगा।

एएआर ने यह भी निष्कर्ष दिया है कि विकसित प्लॉट ‘खरीदार को बिक्री के लिए परिसर के निर्माण’ की धारा के तहत आएगा। इसी के अनुरूप उस पर जीएसटी लगाया जाएगा। एक आवेदक ने एएआर की गुजरात पीठ के समक्ष इस बारे में आवेदन कर पूछा था कि क्या प्राथमिक सुविधाओं मसलन बिजली, पानी, जल निकासी, समतल जमीन वाले प्लॉट की बिक्री पर जीएसटी देना होगा।

एएआर ने इसके जवाब में कहा कि हमारा मानना है कि विकसित प्लॉट ‘खरीदार को बिक्री के लिए परिसर के निर्माण’ की धारा के तहत आएगा। ऐसे में इस पर जीएसटी देना होगा। एएआर ने यह आदेश जारी करते हुए कहा कि आवेदक विकसित प्लॉट की बिक्री करता है। बिक्री मूल्य में जमीन की लागत के अलावा प्राथमिक सुविधाओं की लागत भी आनुपातिक आधार पर शामिल होती है।

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि इस फैसले का सीधा, तात्कालिक और प्रतिकूल असर समूचे रीयल एस्टेट सेक्टर पर पड़ेगा। इससे विकसित प्लॉटों की बिक्री पर मिलने वाले कर तटस्थ स्थिति का लाभ समाप्त हो जाएगा।

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