- भारत का रियल एस्टेट सेक्टर अब पुनरुद्धार की राह पर चल पड़ा है।
- पिछले एक साल पहले की तुलना में पुणे में घरों की कीमत में तीन फीसदी बढ़कर 7,485 रुपये प्रति वर्ग फुट पर पहुंच गई है।
- ब्याज दरों में वृद्धि के बावजूद घरों की बिक्री में तेजी का अनुमान है।
नई दिल्ली। देश में महंगाई आसमान छू रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और केंद्र सरकार इसे नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। अब तक भारत में पेट्रोल- डीजल, एलपीजी गैस सिलेंडर, खाने के तेल के दाम, आदि की चर्चा हो रही थी। अब घरों की कीमत भी चर्चा में है। दरअसल जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान देश के आठ प्रमुख शहरों में हाउसिंग की कीमत में भारी उछाल दर्ज किया गया है।
क्यों बढ़ी घरों की कीमत?
हाउसिंग की कीमत में सालाना आधार पर 11 फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की गई है। मार्च में समाप्त हुई तिमाही में मांग बढ़ने और निर्माण लागत में तेज वृद्धि से घरों की कीमत बढ़ी है।
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रिपोर्ट में हुआ खुलासा
रियल एस्टेट सेक्टर पर जारी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है, जिसे रियल एस्टेट डेवलपरों के संगठन क्रेडाई (CREDAI), रियल एस्टेट सलाहकार फर्म कोलियर्स और डेटा विश्लेषक फर्म लियासे फोरस ने तैयार किया है। यह पहली बार है जब इन तीनों ने मिलकरघरों की कीमतों पर रिपोर्ट जारी की है।
सबसे ज्यादा दिल्ली में बढ़ें घरों के दाम
रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकला है कि, दिल्ली-एनसीआर में घरों की कीमत सबसे ज्यादा यानी 11 फीसदी बढ़ी है। देश की राजधानी में जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान आवासीय इकाइयों की कीमत 7,363 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई है।
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अन्य प्रमुख शहरों में इतनी बढ़ी कीमत
एक साल पहले की तुलना में हैदराबाद में आवासीय इकाइयों की कीमत नौ फीसदी बढ़कर 9,232 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई है। अहमदाबाद में कीमतें आठ फीसदी बढ़ी हैं और 5,721 रुपये प्रति वर्ग फुट पर पहुंच गई है। कोलकाता में ये छह फीसदी बढ़कर 6,245 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई। वहीं बेंगलुरु, चेन्नई और मुंबई में घरों की कीमत में सिर्फ एक फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिसके बाद इन तीनों शहरों में आवासीय इकाइयों की कीमत क्रमशः 7,595 रुपये, 7,107 रुपये और 19,557 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई।