- सैलरी में कटौती को लेकर कंपनी से स्पष्टता लेना जरूरी
- कटौती नहीं दिखने पर पुरानी सैलरी पर ही लग सकता है इनकम टैक्स
- जानकार चार्टर्ड अकाउंटटेंट ने समझाई पूरी बात, दी अहम सलाह
नई दिल्ली: COVID-19 महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण भारत में कंपनियों के राजस्व पर गंभीर असर पड़ा है और इस वजह से कई कर्मचारियों के वेतन में कटौती हुई है। अगर आप वेतन कटौती का सामना कर रहे हैं, तो उचित होगा कि आप यह सुनिश्चित करें कि आपके वेतन के बेसिक, एचआरए और अन्य भत्तों की सैलरी स्लिप में भी यह दिखा रहा हो।
यदि आपका घटा हुआ वेतन आपके भुगतान-स्लिप में नहीं दिख रहा है, तो आयकर विभाग इस तरह के कटौती को ध्यान में नहीं रखेगा। बता दें कि देय वेतन के आधार पर टैक्स लगाया जाता है। इस बीच, भुगतान के समय आपकी कंपनी द्वारा टीडीएस काट लिया जाता है, वित्तीय वर्ष के दौरान आपके द्वारा भुगतान किए जाने वाले कुल वेतन को ध्यान में रखते हुए ही यह प्रक्रिया होती है।
ईटी वेल्थ ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का हवाला देते हुए कहा है कि जिन कर्मचारियों के वेतन में कटौती हुई है, उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी कंपनी इस संशोधन को कागज पर भी दिखाए। इसके अलावा, यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्तियों को अपने मालिक या कंपनी से स्पष्टीकरण प्राप्त करना चाहिए कि क्या यह कटौती एक वेतन कटौती है या इसे केवल भुगतान की अस्वीकृति के तौर पर रखा गया है। क्योंकि अगर स्लिप पर यह कटौती नजर नहीं आती है तो पुराने सीटीसी पर ही आपको टैक्स देना पड़ सकता है।
क्या कहते हैं जानकार चार्टर्ड अकाउंटेंट?
टैक्समैन डॉट कॉम के डीजीएम चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन वाधवा के अनुसार, 'आयकर कानूनों के अनुसार, वेतन पहले के आधार पर ही टैक्स योग्य है। इसलिए, आपको देय कोई भी वेतन राशि आ कर योग्य होगी, भले ही वह आपको न मिली हो। यदि किसी कर्मचारी के सीटीसी में कुछ बदलाव किया जाता है तो वेतन में यह संशोधन सैलरी स्लिप में दिखना चाहिए मतलब वेतन के घटकों जैसे कि बेसिक, एचआरए, विशेष भत्ता आदि को इसी तरह से संशोधित किया जाना चाहिए। यदि घटकों को संशोधित नहीं किया गया है, तब व्यक्ति को पुराने वेतन की राशि पर ही टैक्स देना होगा भले ही वह राशि उसे प्राप्त नहीं हुई हो।'
दिल्ली के एक चार्टर्ड एकाउंटेंट सचिन वासुदेवा ने ईटी वेल्थ से इस बारे में कहा, 'कर्मचारी की इन हैंड सैलरी की टैक्स-निर्भरता इस बात पर निर्भर करेगी कि कंपनी ने वेतन में कटौती की है या वेतन में कमी की है। अगर वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान वेतन को स्थगित करते हुए पूरा भुगतान नहीं किया जाता है, तो कर्मचारी टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा क्योंकि उनके नियुक्ति पत्र के अनुसार फॉर्म- 16 में उसका पुराना वेतन दिखाएगा, लेकिन कर्मचारी को वास्तव में राशि कटकर मिलेगी।'