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Real Estate Market In 10 Years: पिछले दस साल में काफी बदल गया रियल एस्टेट बाजार, इतना हुआ प्रॉपर्टी का रेट

Updated Dec 25, 2019 | 15:30 IST

Real Estate Market: रियल एस्टेट सेक्टर पिछले दस साल में काफी बदल गया है। विभिन्न स्थानों पर प्रॉपर्टी के रेट से लेकर किराए के रेट में काफी बदलाव आया है। जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
Real Estate Market In 10 Years: 10 साल में कितना बदल गया रियल एस्टेट सेक्टर

नई दिल्ली: साल 2019 जाने को है और नया साल 2020 होगा। इसके साथ ही इस दशक (2010-19) भी खत्म हो रहा है। इस दशक कई चीजों में बदलाव आया है, जिसमें आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक सभी पहलू शामिल हैं। आर्थिक पहलू की बात करें तो जमीन और मकान हमेशा के निवेश के सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक रहे हैं। पिछले 10 सालों में प्रॉपर्टी के रेट में बड़ा बदलाव हुआ है और सरकार के कई फैसलों का भी इस सेक्टर पर काफी असर हुआ है। 

पोद्दार हाउसिंग एंड डेवलपमेंट लिमिटेड के एमडी और नरेडको महाराष्ट्र के संयुक्त सचिव, रोहित पोद्दार ने बताया, 'पिछले दशक को रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी चरण माना जा सकता है, जहां यह निवेशक-संचालित बाजार से अंत-उपयोगकर्ता संचालित के रूप में परिपक्व हुआ। रेरा और जीएसटी के परिचय के माध्यम से रियल एस्टेट क्षेत्र को औपचारिक रूप देना, तथा डिमोनेटाइजेशन के माध्यम से काले धन की समानांतर अर्थव्यवस्था को मात देना यह सरकार द्वारा किये गए प्रयास दशक के सबसे महत्वपूर्ण माइलस्टोन्स हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र का चेहरा बदल दिया है।'

उन्होंने बताया, ' 'हाउसिंग फॉर ऑल' पहल के माध्यम से किफायती आवास को बढ़ावा देने के लिए सरकार का प्रयास दशक की एक और प्रमुख बात है। निर्माण उद्योग में नई तकनीकों की शुरुआत जैसे ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) और वर्चुअल रियलिटी (वीआर) ने खरीद के अनुभव को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स (एआई) के उपयोग ने समग्र दक्षता को बेहतर बनाया और निर्माण प्रक्रिया को गति प्रदान की।'


(स्रोत- नाइट फ्रैंक)

एकता वर्ल्ड के अध्यक्ष और नरेडको महाराष्ट्र के उपाध्यक्ष अशोक मोहनानी ने बताया, 'भारतीय रियल एस्टेट पिछले दशक में काफी तेजी से विकसित हुआ है और डिमॉनेटाइजेशन, रेरा और जीएसटी जैसे विनियामक परिवर्तनों के अलावा चक्रीय परिवर्तनों ने क्षेत्र के कामकाज को पूरी तरह से बदल दिया है। रेरा के लागू होने के कारण घर ख़रीदार से विश्वास में वृद्धि हुई है।'

उन्होंने बताया, 'यह अनुमान है कि पिछले 10 वर्षों में स्वच्छ और हरित प्रौद्योगिकी पर निवेश लगभग तीन गुना हो गया है। बिल्डर्स ने टियर 1 और 2 शहरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है और इसके आगे भी जा रहे हैं। उनका ध्यान मुंबई, बैंगलोर, दिल्ली जैसे पारंपरिक मेट्रो बाजारों से हटकर पुणे, हैदराबाद, चेन्नई आदि नए बाजारों में चला गया है। अब एनबीएफसी और एचएफसी को पार्शियल क्रेडिट गारंटी स्किम पर कैबिनेट की मंजूरी के कारण यह क्षेत्र तरलता और नकदी प्रवाह में वृद्धि से आर्थिक विकास में तेजी देखेगा।'


(स्रोत- नाइट फ्रैंक)

नरेडको महाराष्ट्र और नाहर ग्रुप की उपाध्यक्षा, मंजू याग्निक ने बताया, '2019 एक ऐसा साल रहा जहाँ रियल एस्टेट डेवलपर्स और घर खरीदार दोनों द्वारा सतर्क कदम से चिह्नित किया गया था। यह नए प्रोजेक्ट लॉन्च, फेज़  लॉन्च और विशिष्ट खंडों, क्षेत्रों और बाजारों में अवशोषण दरों के बीच कम कर्षण में दिखाई दिया। यह ऐसा वर्ष भी था जिसने सरकार की ओर से रचनात्मक पहल जैसे कि रेरा में एसआरओ की भागीदारी, अंतिम-मील तनावग्रस्त आवासीय परियोजनाओं के लिए एआईएफ की शुरुआत और किफायती घर खरीदार के लिए कर लाभ जैसे उपायों को देखा।'

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