त्योहारों का सीजन है। इस मौके पर लोग बहुत सारे पकवान बनाते हैं। जिसमें दाल का इस्तेमाल सर्वाधिक होता है। दालों में चना, अरहर, मूंग, मसूर दालों का अधिक इस्तेमाल होता है। दालों का इस्तेमाल बेसन के तौर पर होता है। इससे मिठाइयां भी तैयार की जाती है। त्योहारी सीजन में मिलावटखोर अधिक कमाई के लिए इसमें दूसरी चीजें मिलकर ग्राहकों आकर्षित करते हैं। वे उनकी ही दुकान से दाल खरीदें। लेकिन खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
- अरहर की दाल
- चने की दाल
- मूंग की दाल
मिलावटखोर दालों की चमक बढ़ाते हैं उसमें केमिकल डालकर पॉलिश करते हैं। रंग मिलाकर आकर्षक बनाते हैं। रंग केमिकल से बनता है। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इतना ही नहीं दालों में दूसरे पौधे के बीजों की भी मिलावट करते हैं। जो हेल्थ के लिए हानिकारक होते हैं। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है।
अरहर दाल में मिलावट की पहचान
अरहर दाल में उससे मिलते जुलते रंग वाले सस्ती दालों की मिलावट की जाती है। माटरा दाल की मिलावट की जाती है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। यूपी और मध्य प्रदेश के कुछ इलाके के खेतों में अपने आप ही उग आती है ।इस माटरा का वैज्ञानिक नाम लैथीरस सेटाइबस है। जिस इलाके में यह उगती है वहां के लोग इसे आसानी से पहचान लेते हैं। अरहर की दाल में खेसारी दाल की भी मिलावट की जा रही है। इस मिलावटी दाल को लेकर सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है। यह अरहर दाल के आकार से थोड़ा भिन्न होता है। इस आधार पर आप पहचान सकते हैं इसमें मिलावट की गई है या नहीं।
चने की दाल में मिलावट की पहचान
चना की कई तरह की किस्में होती है। आपने देखा होगा कोई चना बड़ा होता है और कोई छोटा होता है। कोई अधिक भूरा होता है और कोई कम। किसी चना की किस्म हल्के काले रंग की होती है। ऐसा माना जाता है बेहतर क्वालिटी का चना हल्के भूरे रंग होता है। उसकी कीमतें अधिक होती है। इसकी दाल स्वादिष्ट होती हैं। खराब किस्मों के चने की दाल की मिलावट अच्छी किस्मों के चने की दाल में की जाती है। इसकी दालों की आकार के जरिए मिलावट को पहचान सकते हैं।
मूंग की दाल में मिलावट की पहचान
मूंग की दाल स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद मानी जाती है। तबीयत खराब होने पर अक्सर डॉक्टर मूंग की दाल की खिचड़ी खाने की सलाह देते हैं। इसलिए यह दाल महंगी होती है। यह देखते हुए इसमें मिलावट की गुंजाइश अधिक होती है। मूंग दाल मिलती-जूलती दूसरे जंगली पौधे के बीज की मिलावट की जाती है। उसमें मूंग की दाल की तरह रंग मिलाकर मूंग दाल में मिलावट की जाती है। मूंग दाल को पानी से धोकर चेक कर सकते है मिलावट हुई है या नहीं। कभी अधिक चमक के लिए भी मूंग की दाल में रंग मिलाए जाते हैं।